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पहली तीन परमाणु पनडुब्बियां 95 फीसद होंगी देसी, तेजी से हुआ विस्तार

भारत में अत्याधुनिक पनडुब्बियां बनने का इससे बड़ा विस्तार और क्या होगा कि परमाणु क्षमता से लैस पहली तीन घातक पनडुब्बियों में लगाया जाने वाला सामान 95 फीसद देश में ही बना हुआ होगा। इसके बाद जो अगली तीन परमाणु पनडुब्बियां बनेंगी।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 07:19 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 07:19 AM (IST)
पहली तीन परमाणु पनडुब्बियां 95 फीसद होंगी देसी, तेजी से हुआ विस्तार
पहली तीन परमाणु पनडुब्बियां 95 फीसद होंगी देसी, तेजी से हुआ विस्तार

नई दिल्ली ([एजेंसी)]। भारत में अत्याधुनिक पनडुब्बियां बनने का इससे बड़ा विस्तार और क्या होगा कि परमाणु क्षमता से लैस पहली तीन घातक पनडुब्बियों में लगाया जाने वाला सामान 95 फीसद देश में ही बना हुआ होगा। इसके बाद जो अगली तीन परमाणु पनडुब्बियां बनेंगी उसमें भारतीय साजोसामान का दायरा और भी अधिक बढ़ेगा।

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सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी 50 हजार करोड़ रपये के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसके तहत विशाखापत्तनम स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ([डीआरडीओ)] को तीन परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण करना है। यह परियोजना अरिहंत श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइलों वाली छह परमाणु पनडुब्बियां बनाने के प्रोजेक्ट से एकदम अलग हैं।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक परमाणु हमले करने में सक्षम पनडुब्बी बनाने की परियोजना 'मेक इन इंडिया' की संकल्पना में बहुत ब़़डा इजाफा है। निजी और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में घरेलू रक्षा विभाग के बेहद असरदार माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि छह पन्नडुब्बियों के निर्माण की तैयारी कर रहे वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वह इसे अपने दम पर पूरा बना लेंगे। लेकिन अगर बाहरी मदद की जरूरत महसूस हुई तो वह अपने किसी रणनीतिक रूप से साझेदार देश की मदद लेंगे।

अर्थव्यवस्था की दृष्टि से यह प्रयोग बेहद जरूरी है क्योंकि इससे रक्षा क्षेत्र में ब़़डे पैमाने पर नौकरियों का भी सृजन होगा। नौसेना और डीआरडीओ को फिलहाल ऐसी छह पनडुब्बियां बनाने का नहीं, बल्कि तीन की ही अनुमति मिली है। बाकी तीन पनडुब्बियां बनाने की बारी पहली तीन पनडुब्बियों का काम सफलतापूर्वक होने के बाद ही आएगी।


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