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विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक: नए कृषि कानूनों को वापस लेना किसानों के हित में नहीं

पिछले 70 वर्षों में जो कानून बनाए गए वे किसानों के हित में नहीं थे। इस दौरान लगभग 4.5 लाख किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। किसान गरीब होते जा रहे हैं और कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। कुछ बदलाव जरूरी हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 09:34 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 11:29 PM (IST)
विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक: नए कृषि कानूनों को वापस लेना किसानों के हित में नहीं
समिति उन सभी किसानों से बात करेगी, जो कानूनों का समर्थन या विरोध कर रहे हैं।

नई दिल्ली, एजेंसियां। नए कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की मंगलवार को पहली बैठक हुई। इस दौरान समिति के सदस्यों ने आगे की रणनीति पर चर्चा की। बैठक के बाद समिति के सदस्य और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट ने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार की बहुत ज्यादा जरूरत है। यदि इन कानूनों को वापस ले लिया जाता है, तो अगले 50 वर्षों तक कोई पार्टी कृषि सुधार के लिए प्रयास नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि समिति उन सभी किसानों से बात करेगी, जो कृषि कानूनों का समर्थन या विरोध कर रहे हैं। इसके अनुसार ही रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी।

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घनवट ने कहा- 70 वर्षों में जो कानून बनाए गए, वे किसानों के हित में नहीं थे

घनवट ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में जो कानून बनाए गए, वे किसानों के हित में नहीं थे। इस दौरान लगभग 4.5 लाख किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा। किसान गरीब होते जा रहे हैं और कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। कुछ बदलाव जरूरी हैं। इससे पहले कि उन बदलावों को लागू किया जाता, आंदोलन शुरू हो गया। घनवट ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती आंदोलनकारी किसानों को समिति के सामने आने के लिए समझाना है। समिति चाहती है कि किसानों का कई दिनों से चला आ रहा आंदोलन जल्द-से-जल्द समाप्त हो।

21 जनवरी को किसानों के साथ बैठक

-विशेषज्ञ समिति ने 21 जनवरी को किसानों के साथ बैठक करने का फैसला किया है।

-कृषि कानूनों पर सरकार और किसानों के गतिरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को समिति का गठन किया था।

-घनवट के अलावा कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी समिति के अन्य सदस्य हैं।

-किसान नेता भूपिंदर सिंह मान को भी इसका सदस्य बनाया गया था, लेकिन, उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।


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