संसद में बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण- क्षतिपूर्ति पर फैसला GST काउंसिल में ही, कोई कर बढ़ाने पर विचार नहीं
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुपूरक अनुदान पर संसद में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि राज्यों की क्षतिपूर्ति केंद्र देना नहीं चाहता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति पर फैसला इसकी काउंसिल में ही किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल में ही इस पर निर्णय किया जाएगा कि क्षतिपूर्ति के लिए किस प्रकार कर्ज लेना है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी टैक्स बढ़ोतरी का विचार नहीं है।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुपूरक अनुदान पर संसद में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि राज्यों की क्षतिपूर्ति केंद्र देना नहीं चाहता। लेकिन अटॉर्नी जनरल की राय के मुताबिक, कंसोलिडेटेड फंड से क्षतिपूर्ति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति के लिए कर्ज लेने के विकल्प को लेकर वह राज्यों के साथ संपर्क में हैं। कर्ज लेने में सरकार राज्यों की मदद करेगी। इस कर्ज का भुगतान सेस की राशि से किया जाएगा।
कांग्रेस शासित राज्यों के साथ कई अन्य राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए कर्ज लेने को तैयार नहीं है। हालांकि, देश के 13 राज्यों ने कर्ज के विकल्प पर अपनी मंजूरी दे दी है। शुक्रवार देर शाम चालू वित्त वर्ष के लिए 2.36 लाख करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांग लोकसभा से पारित हो गई।
गत 27 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद उन्होंने कोरोना को 'एक्ट ऑफ गॉड' कहा था, जिस पर विपक्षी दलों ने काफी व्यंग्यात्मक टिप्पणियां की थीं। वित्त मंत्री ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि कई देश खराब वित्तीय हालात से निपटने के लिए करों में बढ़ोतरी कर रहे हैं, लेकिन हमारा ऐसा कोई विचार नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस शासित राज्यों का तर्क है कि अगर केंद्र को क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को पैसा देना है, तो केंद्र को ही लोन लेना चाहिए। राज्य क्यों अपना पैसा लेने के लिए लोन लें? हालांकि, केंद्र का कहना है कि कोरोना काल में देश की आर्थिक स्थिति किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में अगर केंद्र सरकार लोन लेती है, तो देश की रेटिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिर जाएगी। इससे भारी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए देशहित में राज्यों को लोन ले लेना चाहिए।