SC की मंजूरी के बाद भी 'पद्मावत' पर बवाल, फूंकी गाड़ियां, मॉल में तोड़-फोड़
प्रदर्शनकारियों ने तीन मॉल्स के बाहर खड़ी 30 से ज्यादा मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया।
अहमदाबाद, ब्यूरो/एजेंसी। गुजरात के अहमदाबाद शहर में फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को तीन मॉल्स के बाहर खड़ी 30 से ज्यादा मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया और कई अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने इस संबंध में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।उधर, उत्तर प्रदेश के वाराणसी और कानपुर में भी विरोध-प्रदर्शन की खबर है।
अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर एके सिंह ने बताया कि कुछ समाज विरोधी तत्वों ने विरोध के नाम पर तीन मॉल्स के बाहर खड़े वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि इन कृत्यों के पीछे कौन लोग हैं। वहीं, पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि भी़ड़ ने सबसे पहले एक्रोपॉलिस मॉल परिसर में खड़ी 21 मोटरसाइकिलों को आग लगा दी। इसके बाद यह भी़ड़ हिमालय मॉल पहुंची और यहां भी कई मोटरसाइकलों को आग के हवाले कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने अल्फावन मॉल के बाहर खड़ी करीब 10 मोटरसाइकलों को भी आग लगा दी। हालात उस वक्त बिगड़ गए जब 'पद्मावत' के खिलाफ एसजी हाईवे पर कैंडिल मार्च निकाल रहे कुछ प्रदर्शनकारी इन मॉल्स में पहुंच गए। गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश में भी हो रहा विरोध
मध्य प्रदेश में अधिकांश सिनेमाघर संचालकों ने फिल्म 'पद्मावत' को नहीं दिखाने का फैसला किया है। मंदसौर के सिनेमाघरों के बाहर करणी सेना ने बोर्ड भी लगा दिए हैं, जिन पर लिखा है कि वे सिनेमाघर में 'पद्मावत' व ट्रेलर का भी प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। राज्य में कई स्थानों पर करणी सेना के सदस्य सिनेमाघरों में पहुंचे और संचालकों को फूल-माला भेंटकर फिल्म का प्रदर्शन न करने की बात कही।
सुप्रीम कोर्ट ने किया सुनवाई से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने वकील मनोहर लाल शर्मा की दायर याचिका पर तत्काल सुनावाई करने से इनकार कर दिया है। मनोहर लाल ने अपनी याचिका में फिल्म के कुछ दृश्यों को हटाने के लिए तत्काल सुनवाई की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज़ के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं को किया नामंजूर
सुप्रीम कोर्ट ने 'पद्मावत' की रिलीज़ के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों द्वारा दायर याचिकाओं को नामंजूर कर दिया है और इस मामले में अपने पूर्वादेश को कायम रखा है, जिसके बाद साफ़ हो गया है कि 'पद्मावत' किसी भी राज्य में बैन नहीं हो सकेगी। उच्चतम न्यायालय ने अपने फ़ैसले में कहा कि सीबीएफ़सी द्वारा फ़िल्म को प्रमाण पत्र (UA) जारी करने के बाद राज्य सरकारें इस पर रोक नहीं लगा सकतीं। शीर्ष अदालत ने फ़िल्म के प्रदर्शन के साथ ही सिनेमाहालों को सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया।
सिनेमाघरों में धड़ाधड़ बुकिंग, कई में हाउसफुल
संजय लीला भंसाली की बहुप्रतीक्षित फिल्म पद्मावत के खिलाफ विगत महीनों से चल रहे धरना प्रदर्शनों के चलते दर्शकों की उत्सुकता कुछ इस कदर बढ़ी है कि दिल्ली-एनसीआर के सिनेमाघरों में धड़ाधड़ बुकिंग हो रही है। दिल्ली के कई सिनेमाघरों में हाउसफुल बुकिंग हो चुकी है। जानकारी के अनुसार 25 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म पद्मावत की एडवांस बुकिंग देश भर के शहरों में शनिवार से ही शुरू हो गई है। सिनेमा हॉल में बुकिंग के ऑनलाइन आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि फिल्म को लेकर मचे बवाल का इसकी एडवांस बुकिंग पर कोई असर नहीं पड़ा है। दक्षिणी दिल्ली स्थित सलेक्ट सिटी वॉक में 25 जनवरी को रात नौ बजे का शो हाउसफुल है। पीवीआर शालीमार बाग में इसी दिन शाम सात बजे का शो हाउसफुल हो चुका है।
फिल्म पद्मावत को रिलीज न होने देने पर अडिग करणी सेना
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकारों की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद राजस्थान में हालात बिगड़ने लगे हैं। अपनी जिद पर अड़ी करणी सेना ने फिल्म पद्मावत का प्रदर्शन होने पर इसके भयंकर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। राजपूत महिलाओं ने मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी गई। तकरीबन 16 सौ महिलाएं इच्छा-मृत्यु की मांग कर रही हैं। राजपूत नेताओं का आग्रह है कि केंद्र सरकार फिल्म के विरुद्ध अध्यादेश लाए। करणी सेना के नेताओं ने दो टूक कहा है कि चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े, लेकिन पूरे देश में फिल्म पद्मावत को रिलीज नहीं होने देंगे।
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