Chhattisgarh : बस्तर में नक्सलियों के खात्मे के लिए सरगुजा में दक्ष हो रहे लड़ाके
यह बटालियन पूर्व में झारखंड प्रदेश में सेवारत थी। वहां से बटालियन के अधिकारी व जवानों को अंबिकापुर से लगे ग्राम केपी की पहाड़ी पर स्थित एंटी नक्सल ट्रेनिंग स्कूल में भेजा गया है। एंटी नक्सल ट्रेनिंग स्कूल में सीआरपीएफ के जवान लड़ाई के लिए तैयार हो रहे हैं।
अंबिकापुर [असीम सेनगुप्ता]। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की पहली महिला बटालियन (बस्तरिया) को प्रशिक्षित करने वाले सरगुजा के एंटी नक्सल ट्रेनिंग स्कूल में सीआरपीएफ के जवान बस्तर में नक्सलियों के खात्मे के लिए तैयार हो रहे हैं। इसके तहत 196वीं बटालियन के जवानों को नक्सलगढ़ में उतारने से पहले नक्सलियों के हर पैंतरे को विफल करने के लिए दक्ष बनाया जा रहा है। ट्रेनिंग में भौगोलिक रूप से कठिन परिस्थिति में ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने की बारीकियों भी जवान सीख रहे हैं। उन्हें अत्याधुनिक हथियारों के संचालन में दक्ष बनाया जा रहा है।
यह बटालियन पूर्व में झारखंड प्रदेश में सेवारत थी। वहां से बटालियन के अधिकारी व जवानों को अंबिकापुर से लगे ग्राम केपी की पहाड़ी पर स्थित एंटी नक्सल ट्रेनिंग स्कूल में भेजा गया है। यहां वे बस्तर के भौगोलिक परिस्थितियों और पूर्व में हुए नक्सली घटनाओं को आधार बनाकर नक्सलियों को पस्त करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पहुंचे थे हौसला बढ़ाने
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार भी प्रशिक्षण का जायजा लेकर सीआरपीएफ के अफसरों व जवानों से मुलाकात कर चुके हैं। सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ के आइजी प्रकाश डी. बीच-बीच में एंटी नक्सल ट्रेनिंग स्कूल में पहुंचकर अधिकारी जवानों की हौसला अफजाई करते रहे हैं।
यहां प्रशिक्षित बटालियन डटी है नक्सल मोर्चे पर
सीआरपीएफ के एंटी नक्सल ट्रेनिंग स्कूल का पहला दीक्षांत समारोह केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया था। इसी केंद्र में सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन को प्रशिक्षित किया गया है। इस बटालियन में बस्तर के युवाओं को ही शामिल किया गया था जो नक्सल मोर्चे पर तैनात होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
दो बटालियन के कमांडेंट की निगरानी में प्रशिक्षण
एंटी नक्सल ट्रेनिंग स्कूल में सीआरपीएफ 62वीं बटालियन के कमांडेंट बी. वीर राजू और 196वीं बटालियन के कमांडेंट विरसा ओरांव लगातार अधिकारी, जवानों के बीच रहकर प्रशिक्षण में सहभागी बन रहे हैं। इन दोनों कमांडेंट को सफल ऑपरेशनों को अंजाम देने का लंबा अनुभव है।