पदकों की झड़ी लगा रही चाय वाले की फाइटर बिटिया
अंतरराष्ट्रीय म्यूथाई चैंपियनशिप में चमकी रायपुर की प्रणीता, जीता कांस्य पदक...
अनुराग सिंह (रायपुर, नईदुनिया)। किसी की भी जिंदगी में उपलब्धियां रेलगाड़ी की तरह धड़धड़ाती हुई कभी नहीं आतीं। इसके लिए कड़ी मेहनत और मजबूत इरादा होना चाहिए। शहर के पंडरी बाजार में प्रणीता मेश्राम एक मामूली से मकान में भले रहती हों पर उनके इरादे मामूली नहीं हैं। कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली प्रणीता, म्यूथाई खेल में अभी से इतनी निपुण हैं कि उनकी झोली में पुरस्कारों की झड़ी लग गई है।
हाल ही उन्होंने दक्षिण कोरिया में आयोजित हुई अंतर्राष्ट्रीय म्यूथाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता है। यह और बात है कि प्रणीता के पिता ठेले पर चाय बेचकर परिवार की गाड़ी चलाते हैं, लेकिन बेटी के सपनों को साकार करने के लिए वह भी जी-जान से जुटे हैं। मां गायत्री भी बेटी की राह में कोई रोड़ा नहीं आने देतीं। परिवार के इसी सकारात्मक माहौल ने प्रणीता को हौसला दिया। प्रणीता दनादन मुक्के बरसाती हुई यश और कीर्ति अपने हिस्से में किए जा रही हैं।
आत्मरक्षा के लिए सीखी थी फाइटिंग : करीब पांच साल पहले प्रणीता ने आत्मरक्षा के इरादे से म्यूथाई में हाथ आजमाना शुरू किया। फिर क्या था, उसकी रुचि बढ़ती गई और प्रैक्टिस तेज होती चली गई। कोच अनीस मेमन ने प्रतिभा को पहचान लिया। इसके बाद संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिद्वंदियों को धूल चटाती गईं।
कर्ज लेकर भेजा खेलने: प्रणीता ने पिछले पांच बरस में कई पदक हासिल किए। चार स्टेट चैंपियनशिप में तीन बार गोल्ड व एक बार सिल्वर मेडल जीता। मई 2017 में प्रणीता ने देहरादून में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। प्रणीता ने नेशनल चैंपियनशिप में तीन बार ब्रोंज मेडल भी हासिल किया। प्रणीता का चयन थाईलैंड में हुई इंटरनेशनल म्यूथाई चैंपियनशिप के लिए भी हुआ था, लेकिन धनाभाव में वह थाईलैंड नहीं जा सकीं। हालही जब प्रणीता को दक्षिण कोरिया जाने का अवसर मिला तो चाय की दुकान चलाने वाले उनके पिता प्रकाश मेश्राम ने कर्ज लेकर उन्हें वहां भेजा। प्रणीता का कहना है कि म्यूथाई खेल उनके लिए जीवन है। प्रणीता की उपलब्धियों पर मोहल्ले के वही लोग अब नाज करते हैं जो कभी उनका मजाक उड़ाया करते थे।
मुझे नाज है बेटी पर: प्रणीता के पिता प्रकाश मेश्राम ने कहा, मैं चाय की दुकान से घर-गृहस्थी चलाता हूं। मुझे अपनी बेटी पर नाज है। वह बहुत परिश्रमी है। हमने उसे कभी निराश नहीं होने दिया। मेरा सपना है कि वह दुनिया में नाम रोशन करे। दक्षिण कोरिया से लौटीं प्रणीता ने कहा, ईमानदारी और लगन से किया गया कोई काम बेकार नहीं जाता। मुझे उम्मीद है कि इस खेल में भारत का नाम रोशन करुंगी।
क्या है म्यूथाई
म्यूथाई एक तरह का फ्री स्टाइल फाइटिंग गेम है। इसे दिसंबर 2016 को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भी मान्यता दी है। कहा जाता है कि म्यूथाई फाइटिंग की एक प्राचीन कला है। इस पर उपलब्ध इतिहास से बताता है कि भारत में यह महाभारत काल में भी प्रचलित था। इस विधा से हनुमान का नाम भी जुड़ा हुआ है। हनुमान के नामों परइसमें पंच और किक हैं। थाई साहित्य में हनुमान को ही म्यूथाई कहा गया है। इस खेल में प्रतिद्वंदी खिलाड़ी पर आठ तरह से हमला करते हैं और घुटना, कोहनी, मुक्के और किक का इस्तेमाल करते हैं।
यह भी पढ़ें : पहल: यहां खुले में शौच की 'सजा' है पेड़ लगाना, जानिए मामला