आतंकियों के जंगल में छिपने की आशंका
जम्मू कश्मीर में ग्रेफ विभाग के शिविर पर हमले के बाद भागे आतंकियों के सुंदरबनी या कालीधार के जंगलों में छिपे होने की आशंका है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। खौड़ के बट्टल गांव में ग्रेफ विभाग के शिविर पर हमले के बाद भागे आतंकियों के सुंदरबनी या कालीधार के जंगलों में छिपे होने की आशंका है। आतंकी शिविर में हमले के बाद वहां से सेकेंड इंचार्ज इंजीनियर जय श्रीराम का मोबाइल भी अपने साथ ले गए थे, जिसमें दो सिमकार्ड पड़े थे लेकिन राज्य के बाहर की सिम होने के कारण वे बंद हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने अब उस मोबाइल फोन की मदद से भागे आतंकियों की लोकेशन का पता लगाने का प्रयास कर रही है। उनकी तलाश में खौड़ से लगते सुंदरबनी व कालीधार जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। हमले के बाद आतंकी वापस सीमापार पाकिस्तान नहीं लौट पाए हैं, जो शिविर से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर है।
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आशंका है कि आतंकी सीमा पार बैठे अपने आकाओं से संपर्क साधने के लिए सेकेंड इंचार्ज इंजीनियर जय श्री राम के मोबाइल फोन को अपने साथ ले गए हैं और उनका अगला निशाना सेना का कोई शिविर हो सकता है, क्योंकि ग्रेफ विभाग के शिविर पर हमला आतंकियों ने सैन्य शिविर समझ कर ही किया था। शिविर में हमला करने वाले आतंकियों की हताशा का इसी से पता चलता है कि उन्होंने वहां पर श्रमिकों के चार मोबाइल फोन के अलावा कुर्सियां, मेज आदि को भी आग के हवाले कर दिया था।
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हमले के बाद सैन्य शिविरों की सुरक्षा पहले से कड़ी कर दी गई है। इन शिविरों में बख्तरबंद गाडि़यों को तैनात किया गया है, जिनमें किसी भी हमले का तुरंत जबाव देने के लिए जवानों को तैनात किया गया है। पुलिस ने भी अपने इलाकों में सुरक्षा को कड़ा कर दिया है और गुज्जर समुदाय के कुल्लों पर नजर रखी जा रही है। आशंका है कि आतंकी इन कुल्लों में शरण ले सकते हैं और मौका मिलते ही दोबारा किसी हमले को अंजाम दे सकते हैं।