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हैदराबाद में 'भारत माता की जय' नारे के खिलाफ फतवा

प्रभावशाली इस्लामिक मदरसे जामिया निजामिया में शुक्रवार को फतवा जारी करते हुए कहा कि भारत माता की जय कहना इस्लामिक मान्यताओं के अनुकूल नहीं है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 19 Mar 2016 04:11 PM (IST)Updated: Sat, 19 Mar 2016 09:21 PM (IST)
हैदराबाद में 'भारत माता की जय' नारे के खिलाफ फतवा

हैदराबाद। प्रभावशाली इस्लामिक मदरसे जामिया निजामिया में शुक्रवार को फतवा जारी करते हुए कहा कि भारत माता की जय कहना इस्लामिक मान्यताओं के अनुकूल नहीं है। इसमें कहा गया कि इस्लामिक मान्यताएं और तर्क मुस्लिमों को 'भारत माता की जय' का नारा लगाने की इजाजत नहीं देते हैं।

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पुराने शहर की धार्मिक शख्सियत सैयद गुलाम सामदानी अली कादिरी ने मदरसे से तीन दिनों में इसका जवाब देने के लिए कहा था, जिसके बाद यह फतवा जारी किया गया है।

मदरसे के फतवा सेंटर दारुल इफ्ता के प्रमुख मुफ्ती अजीमुद्दीन ने इस आदेश की व्याख्या भी की है। उन्होंने कहा कि तर्कों के आधार पर एक इंसान ही दूसरे इंसान को जन्म दे सकता है और भारत की जमीन को माता बताना इन तर्कों से उलट है।

फतवे में लिखा है कि मां एक इंसान ही होती है। जमीन का कोई टुकड़ा या कोई जानवर या कोई अन्य इंसान को पैदा नहीं कर सकता। मुफ्ती ने इस प्रक्रिया को कानून का नियम बताते हुए कहा है कि यही कारण है कि भारत को माता नहीं कहा जा सकता है।

ऐसे में यह किसी दूसरे व्यक्ति के निजी धार्मिक विश्वास हो सकते हैं (कि भारत माता है), लेकिन वह इसे दूसरों पर नहीं थोप सकता। मुफ्ती ने फतवे के अंत में लिखा है कि भारत के मुस्लिम देश को प्यार करते हैं।


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