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बेमौसम बारिश से किसानों की आफत, गेहूं और सरसों की फसल को हुआ भारी नुकसान

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह के दौरान होने वाली बारिश से गेंहू के साथ ही सरसों की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 10:16 PM (IST)
बेमौसम बारिश से किसानों की आफत, गेहूं और सरसों की फसल को हुआ भारी नुकसान
बेमौसम बारिश से किसानों की आफत, गेहूं और सरसों की फसल को हुआ भारी नुकसान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत साबित हो रही है। इस बारिश से रबी फसल की पैदावार प्रभावित होने जा रही है। ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ होने वाली बारिश से गेहूं की पैदावार में 10 फीसद के नुकसान की आशंका है। कृषि मंत्रालय ने इस साल गेहूं की पैदावार रिकार्ड 10.62 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब इसमें गिरावट हो सकती है। पिछले साल गेहूं का उत्पादन 10.36 करोड़ टन रहा था।

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मार्च में होने वाली बेमौसम बारिश से गेहूं के साथ गन्ना, चना और सरसों को भी नुकसान की आशंका जाहिर की जा रही है।

खड़ी फसल की नहीं हो पा रही कटाई

रबी की बुवाई वाली गन्ने की फसल जमीन के अंदर होने से बारिश के कारण अधिक प्रभावित हो रही है। किसानों का कहना है कि आगामी सीजन वाले गन्ने की फसल खेत में पड़ी है जिसे पानी की वजह से नुकसान हुआ है। खेतों में बारिश का पानी भर जाने से खड़ी फसल की कटाई नहीं हो पा रही है। मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती बारिश से प्रभावित हुई है। इस साल पहले ही पिछले साल के मुकाबले गन्ने के उत्पादन में गिरावट का अनुमान है। इस साल गन्ने का उत्पादन 35.3 करोड़ टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल यह उत्पादन 40.54 करोड़ टन का था।

सरसों की फसल को भी हुआ भारी नुकसान

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह के दौरान होने वाली बारिश से सरसों की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर सरसों अभी खेतों में खड़ी हैं तो कई जगहों पर कटाई के बाद खेतों में पड़ी है। दोनों ही लिहाज से सरसों को नुकसान है। अनुमान के मुताबिक सरसों की फसल को 30 फीसद तक का नुकसान हो सकता है। कृषि मंत्रालय पहले ही सरसों के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले 1.54 फीसद की गिरावट का अनुमान लगा चुका है। इस साल मंत्रालय ने 91 लाख टन सरसों की पैदावार का अनुमान लगाया है। इस साल चने का उत्पादन 1.12 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया था जो कि पिछले साल के मुकाबले 12.80 फीसद अधिक है। लेकिन अब बारिश के कारण अनुमानित आंकड़ों में कमी आ सकती है।

गेंहू की फसल में पांच फीसद तक हो सकता है नुकसान

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ व्हीट एंड बारले रिसर्च के निदेशक डॉ. जी.पी. सिंह कहते हैं, बेमौसम की बारिश से गेहूं की फसल को 5 फीसद तक का नुकसान हो सकता है, लेकिन जिनकी बुवाई पहले हुई थी और जो अब कटाई के लिए तैयार हैं, उन्हें ज्यादा नुकसान होगा। जहां फसल पक गई है, वहां गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होगी। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से अगले 17 मार्च तक मौसम की मार जारी रह सकती है।

पिछले एक सप्ताह से कई इलाकों में हो रही ओलावृष्टि

पिछले एक सप्ताह से गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली एनसीआर के इलाकों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो रही है। बारिश की वजह से रोहतक, सीकर, अलीगढ़, आगरा, शामली और लखनऊ जैसे इलाके में सबसे अधिक नुकसान का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले सप्ताह से मौसम साफ हो सकता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश के कारण पश्चिम बंगाल में बारिश की वजह से आलू की हार्वेस्टिंग प्रभावित होने से आलू के उत्पादन पर भी असर दिख सकता है।


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