Farmers Protest: किसान नेता बोले- अगर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया, तो 26 जनवरी को नहीं निकालेंगे रैली
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट आदेश देता है तो किसान गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली को वापस ले लेंगे और इसका आयोजन किसी अन्य दिन होगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को एक और दौर की वार्ता हो रही है। किसान तीनों कानूनों की वापसी के मंग पर अड़े हैं। उन्होंने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर टैक्टर रैली निकालने का एलान किया है। इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट आदेश देता है तो किसान गणतंत्र दिवस पर इस रैली को वापस ले लेंगे और इसका आयोजन किसी अन्य दिन होगा।
टिकैत ने पहले कहा था कि किसान लाल किले से इंडिया गेट तक जुलूस निकालेंगे और गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्योति पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इस दौरान बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि कानून संसद लेकर आई है और ये वहीं खत्म होंगे। सरकार को तीन कानूनों को रद करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की योजना तैयार करने की जरूरत है। टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित समिति के बजाय सरकार के साथ बातचीत करना बेहतर है।
बता दें कि किसान 26 नवंबर से ही दिल्ली बॉर्डर पर केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। गतिरोध को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक आठ दौर की वार्ता हो चुकी है। आज नौवें दौर की वार्ता हो रही है। अभी तक कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। 8 जनवरी को, आठवें दौर की बैठक हुई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को सुनवाई के दौरान तीनों कानूनों को अगले आदेश तक लागू करने पर रोक लगा दी थी और गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यीय पैनल नियुक्त किया था। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने गुरुवार को शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति से खुद को अलग कर लिया था ।