विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग रोजाना मर रहे हैं किसान, 20 दिसंबर को उन्हें श्रद्धांजलि देने की तैयारी में संगठन
आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान 20 दिसंबर को गांव और कस्बों के रास्तों को जाम करके उनको श्रद्धांजलि देंगे। किसान नेता इंद्रजीत दल्लेवाल ने मीडिया को यह जानकारी दी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली-एनसीआर में जब से किसानों का आंदोलन शुरू हुआ है, तब से रोजाना किसी न किसी किसान की मौत हो रही है। आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान 20 दिसंबर को गांव और कस्बों के रास्तों को जाम करके उनको श्रद्धांजलि देंगे। किसान नेता इंद्रजीत दल्लेवाल ने मीडिया को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जब से यह आंदोलन शुरू हुआ है, तब से अब तक 20 किसान शहीद हो चुके हैं। विरोध प्रदर्शन से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हो रही है। किसान नेता इंद्रजीत ने बताया कि सरकार कह रही है कि वे इन कानूनों को रद नहीं करेंगे और हम कह रहे हैं कि सरकार से हम ऐसा कराके ही मानेंगे।
People across villages, blocks to pay tribute on Dec 20 to farmers who lost their lives during agitation: Farmer leader Inderjeet tells media
— Press Trust of India (@PTI_News) December 15, 2020
वहीं, इसके पहले भी कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन के दौरान ठंड के कारण मरे किसानों को राष्ट्रीय लोकदल ने शनिवार की रात श्रद्धांजलि दी थी। जिला इकाई ने कैंप कार्यालय क्षेत्र व महिला प्रकोष्ठ ने कस्बा बिलराम में कैंडिल मार्च निकाला था। दो मिनट का मौन रखकर मृतात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई थी। पीड़ित परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की गई थी।
बता दें कि दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर पर हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। कड़ाके की सर्दी होने के चलते कई किसानों की मौत हो चुकी है। किसान फिर भी सरकार से कृषि कानून को रद किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई बीच का रास्ता नहीं निकल रहा है।