कई राज्यों में टिड्डियों का आंतक, जबलपुर के किसानों ने खुद ही किया पानी के टैंकर और केमिकल का इंतजाम
जबलपुर में किसानों ने टिड्डियों के प्रकोप से बचने के लिए पानी के टैंकरों और रसायनों का छिड़काव की व्यवस्था की है।
जबलपुर, एएनआइ। देश में फैली कोरोना वायरस महामारी के बीच कई राज्यों में टिड्डियों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है। उधर मध्य प्रदेश के जबलपुर में किसानों ने अपने खेतों पर हमला करने से टिड्डियों को भगाने के लिए पानी के टैंकरों और रसायनों के छिड़काव की व्यवस्था की है।
जबलपुर के जिलाधिकारी भरत यादव ने कहा कि तेज आवाज और छिड़काव के जरिए टिड्डे के झुंडों को जोर से आवाज लगाकर नष्ट किया जा सकता है। जिले में ऐसी सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। यादव ने कहा कि किसानों ने कृषि विभाग की सलाह के अनुसार छिड़काव के लिए पानी के टैंकर और रसायनों की व्यवस्था की है। इस बीच, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के बुधनी और नसरुल्लागंज इलाके में किसान टिड्डियों को भगाने के लिए बर्तन की पिटाई कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में टिड्डियों से बचाने के लिए पेड़ों और फसलों पर भी कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जा रहा है।
सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि राजस्थान , गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पिछले कुछ दिनों से टिड्डियों के दलों ने आतंक मचा रखा है। जयपुर शहर में इन टिड्डियों (Grasshopper) ने घरों तक में लोगों का जीवन मुहाल कर दिया हैं। हालांकि, झांसी में इनके खत्म होने की जानकारी है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी टिड्डियों दल के हमले का खतरा मंडराने लगा है। आगरा के रास्ते टिड्डियां अलीगढ़ पहुंच सकती हैं। कृषि विभाग को मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार देरशाम दल आगरा से 45 किमी दूर जंगल में रुक गया है। हवा का रुख टिड्डियों का नया ठिकाना तय कर रहा है। बुधवार को दल नया ठिकाना तलाशने उड़ेगा। पाकिस्तान से आए टिड्डी दल का प्रकोप उत्तर प्रदेश के भी सीमावर्ती जिलों में देखा जा रहा है. मामले में गंभीरता दिखाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार की तरफ से टिड्डी दल के नियंत्रण को लेकर कृषि निदेशालय स्तर पर एक आपदा राहत दल का गठन किया है।