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लॉकडाउन के बीच किसानों को मिला ई-बाजार, जरूरतमंदों के लिए साबित हुआ संजीवनी

डॉ. दीप्ति का गृहस्थ ज्योर्जिक लिमिटेड स्टार्टअप जरूरतमंदों के लिए साबित हुआ संजीवनी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 09:18 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 09:18 AM (IST)
लॉकडाउन के बीच किसानों को मिला ई-बाजार, जरूरतमंदों के लिए साबित हुआ संजीवनी
लॉकडाउन के बीच किसानों को मिला ई-बाजार, जरूरतमंदों के लिए साबित हुआ संजीवनी

हिमांशु अस्थाना, वाराणसी। लॉकडाउन की वजह से जनता घरों में कैद हो गई है। बचाव के लिए कुछ ने सबकी चिंता की तो कुछ ने चिंता करने वालों की चिंता की। जीवन के इस फलसफे के बीच जीने की राह निकल पड़ी। जब पहिए रुक गए, दुकानों में ताला लग गया तो उस वक्त बहुतायत घर तक खाद्यान्न सहित अन्य घरेलू सामान पहुंचाने की डॉ. दीप्ति की दृढ़ इच्छा और प्रबल हो गई। वह गृहस्थ ज्योर्जिक लिमिटेड स्टार्टअप के नाम से पहले से कार्य कर रही हैं।

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बीएचयू परिसर ही नहीं, शहर में 1685 लोगों को जोड़कर उनके घरों तक राशन पहुंचा रही हैं। लॉकडाउन में 200 परिवार और जुड़े हैं। इस बढ़ी संख्या से वह घबराई नहीं, बल्कि इसे चुनौती के रूप में लिया। इनकी मदद पति रोहित सिंह सहित चार डिलीवरी ब्वॉय कर रहे हैं। वह भी पूरी तरह ऑनलाइन सिस्टम से। इस सिस्टम ने दो सौ से अधिक किसानों को स्थायी ई-बाजार दिया है। बहुतायत सामान इन्हीं से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचाया जाता है।

उपभोक्ता आइआइटी, बीएचयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार मिश्रा बताते हैं कि गृहस्थ की वेबसाइट या वाट्सएप पर वस्तुओं की सूची देखकर हम ऑर्डर देते हैं और डिलीवरी ब्वॉय तत्काल राशन का झोला रखकर चले जाते हैं। मिलान के बाद ऑनलाइन पेमेंट कर दिया जाता है।

अपडेट 225 किसानों को स्थाई रोजगार : बनारस, भदोही और आसपास के 225 किसान डॉ. दीप्ति के स्टार्टअप से जुड़कर अन्न बेचने के साथ कई खाद्य सामग्रियां भी तैयार करते हैं। यही नहीं, इन पंजीकृत किसानों को समय-समय पर वैज्ञानिक खेती की ओर प्रोत्साहित करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित कराई जाती हैं ताकि वे पूरी तरह से अपडेट रहें।

46 ग्राहकों ने बनाये आपने फैमिली फॉर्मर : फैमिली डॉक्टर की तरह ही बीएचयू कैंपस और शहर के कुल 46 ग्राहकों ने फैमिली फार्मर बना रखा है। ये अपने स्वाद और जरूरत के मुताबिक उत्पाद तैयार कराने को सीधे किसानों से जुडे हुए हैं।

डॉ. दीप्ति ने अगस्त, 2019 में यह स्टार्टअप आइडिया प्रस्तुत किया था, जिसे एग्रो स्टार्टअप आरकेवीवाइ-रफ्तार स्कीम तहत इन्क्यूबेट किया गया है। इसे बढ़ाने के लिए उन्हें दस लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी अब प्रदान की जा रही है।

--प्रो. पीके मिश्रा, आइआइटी, बीएचयू स्थित मालवीय एवं नवप्रवर्तन केंद्र के समन्वयक


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