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दिल्ली को चारों तरफ से घेरने में जुटे किसान, केंद्र सरकार के सशर्त वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया

यूपी गेट पर डेरा डाले भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि लगता है सरकार किसानों को हलके में ले रही है। सभी सीमाओं पर जमा किसानों ने फैसला लिया है कि सरकार की किसी भी शर्त के साथ वार्ता नहीं करेंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 10:39 PM (IST)
दिल्ली को चारों तरफ से घेरने में जुटे किसान, केंद्र सरकार के सशर्त वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया
किसानों ने कहा, चार माह का राशन लेकर आए हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों की राजधानी दिल्ली को चारों तरफ से घेरने की कोशिश है। हरियाणा से सटे ¨सघु व टीकरी बॉर्डर पर हरियाणा व पंजाब के किसान और यूपी गेट पर उत्तर प्रदेश के किसान भारी संख्या में डेरा डाले हुए हैं। हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले दोनों रास्तों को किसानों ने पूरी तरह से घेर लिया है। अब उनकी कोशिश यूपी व राजस्थान के रास्तों को भी घेरने की है। इसी को लेकर यूपी बॉर्डर पर रविवार को किसान उग्र हो गए और पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए।

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भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार के सशर्त प्रस्ताव को खारिज कर दिया

भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फुल की अध्यक्षता में रविवार को 30 किसान जत्थेबंदियों की सोनीपत में बैठक हुई। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से शर्त के साथ बैठक के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। शाम को सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेसवार्ता में सुरजीत सिंह फुल ने कहा कि वे लोग बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में जाने को तैयार नहीं हैं।

किसानों ने कहा- चार माह का राशन लेकर आए हैं

किसान दिल्ली को चारों तरफ से घेरकर केंद्र सरकार को मांगें पूरा करने को विवश कर देंगे। उनका कहना था कि टीकरी व सिंघु बॉर्डर को तो घेर लिया गया है। इसके बाद यूपी बॉर्डर व फिर जयपुर हाईवे का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान चार महीने का राशन साथ लेकर आए हैं। जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, वे लोग धरना देते रहेंगे।

किसान नेताओं ने कहा- ओपन जेल में जाने के बजाय दिल्ली की चारों तरफ से करेंगे घेराबंदी

किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें पता चला है कि सरकार ने संत निरंकारी मैदान को ओपन जेल बना दिया है। वह ओपन जेल में जाने के बजाय दिल्ली की चारों तरफ से घेराबंदी करेंगे। संत निरंकारी मैदान से किसानों को वापस बॉर्डर पर लाया जाएगा। हालांकि, देर रात तक एक भी किसान मैदान से वापस नहीं आया था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार बिना किसी शर्त के उनसे मिलना चाहती है तो वे बात करने को तैयार हैं।

किसानों के मंच से किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा

सुरजीत ¨सह ने कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि किसानों के मंच से किसी राजनीतिक पार्टी के नेता को बोलने का मौका नहीं दिया जाएगा। चाहे वह नेता कांग्रेस का हो या किसी अन्य पार्टी का। प्रदर्शन के दौरान मीडिया से दु‌र्व्यवहार और मोबाइल फोन छीनने के लिए सुरजीत ¨सह ने मीडिया कर्मियों से माफी मांगी।

यूपी गेट पर डेरा डाले भारतीय किसान यूनियन ने कहा- सरकार किसानों को ले रही हल्के में

यूपी गेट पर डेरा डाले भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि लगता है सरकार किसानों को हलके में ले रही है, तभी बुराड़ी में ही वार्ता करने की शर्त रख रही है। सभी सीमाओं पर जमा किसानों ने फैसला लिया है कि सरकार की किसी भी शर्त के साथ वार्ता नहीं करेंगे। सरकार को वार्ता करनी है, तो किसानों के पास आना होगा। उन्होंने कहा कि किसान रामलीला मैदान, जंतर मंतर या प्रगति मैदान जाकर शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहते हैं। 


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