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किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जला मनाई लोहड़ी, सरकार की अपील- सुप्रीम कोर्ट के नियुक्‍त पैनल की कार्यवाही में हों शामिल

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के मसले पर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म करने और बातचीत के जरिए हल निकालने की पहल जरूर की है लेकिन गतिरोध थमता नजर नहीं आ रहा है। इस मसले पर सियासत भी तेज हो गई है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 04:54 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 09:10 PM (IST)
किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जला मनाई लोहड़ी, सरकार की अपील- सुप्रीम कोर्ट के नियुक्‍त पैनल की कार्यवाही में हों शामिल
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज बुधवार 49वें दिन भी जारी है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के मसले पर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म करने और बातचीत के जरिए हल निकालने की पहल जरूर की है लेकिन गतिरोध थमता नजर नहीं आ रहा है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध-प्रदर्शन बुधवार को 49वें दिन भी जारी रहा। किसान संगठनों ने अपनी अगली रणनीति के मसले पर बैठक की। बैठक के बीच किसानों ने लोहड़ी के मौके पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई। संकेत साफ हैं कि किसान आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज करेंगे। वहीं इस मसले पर सियासत भी जारी है।

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सरकार की अपील, पैनल की कार्यवाही में शामिल हों 

सरकार ने किसान संगठनों से कहा है कि वे कृषि कानूनों पर सर्वोच्‍च न्‍यायालय की ओर से गठित किए गए पैनल की कार्यवाही में शामिल हों। इस बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार किसान संगठनों के साथ लगातार बातचीत के पक्ष में है, क्‍योंकि उसका मानना है कि मसले का हल बातचीत से ही निकलेगा। 

किसान बोले- समिति के सदस्‍यों पर भरोसा नहीं

नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों के 'संयुक्त किसान मोर्चा' आंदोलन को धार देने की अपनी रणनीति तय करने के लिए बैठक भी कर रहा है। किसान संगठनों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई समिति सरकार समर्थक है। उनका कहना है कि उन्‍हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। हालांकि, किसानों ने कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के फैसले का स्‍वागत किया है।

अहंकारी मत बनिए किसानों की सुनिए : कांग्रेस

वहीं, सरकार और विपक्षी दलों के बीच वार पलटवार का सिलसिला जारी है। कांग्रेस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के जिन चार सदस्यों को चुना है... वे तो पहले से ही मोदी जी के कानूनों के समर्थक हैं। ऐसी कमेटी के सदस्य क्या न्याय करेंगे। कांग्रेस के मुख्‍य प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री जी... इतने अहंकारी मत बनिए किसानों की सुनिए, नहीं तो देश आपकी बात सुनना बंद कर देगा।

नकवी बोले- क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी में जुटी कांग्रेस

कांग्रेस के बयान पर सरकार ने भी करारा पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने कांग्रेस पर क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी करने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि अफसोस की बात है कि कुछ लोग क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी का संदूक लेकर किसानों के कंधे पर बंदूक चला रहे हैं। ये लोग किसानों के हितैषी नहीं हैं। भ्रम का माहौल पैदा करने वाले ये लोग ट्रेडिशनल प्रोफेशनल भ्रमजाल के जादूगर हैं।

कृषि राज्य मंत्री बोले- इन कानूनों को पहले लागू होने दें

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी बनाई गई है, निश्चित रूप से आने वाले समय में सबसे निष्पक्ष राय लेगी। यदि पुराने कानून इतने अच्छे होते तो किसान गरीब और आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं होता। इस कानून को कुछ समय देखें यदि कुछ नहीं लगेगा तो भविष्य में और भी संशोधन किए जा सकते हैं। सर्वोच्‍च अदालत द्वारा गठित कमेटी किसानों से वार्ता करने के बाद ही फैसला लेगी।

राहुल का सरकार पर तंज

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ट्रैक्टर रैली से डर गई है। पूर्व कांग्रेस अध्‍यक्ष ने ट्वीट कर कहा, '60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई, लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है।' राहुल ने एक अन्य ट्वीट में समिति पर सवाल उठाते हुए कहा... क्या कृषि-विरोधी कानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है। यह लड़ाई किसान विरोधी कानूनों के खत्म होने तक जारी रहेगी। जय जवान, जय किसान...।  


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