संसद में निजी विधेयक के तौर पर पेश किये जाएंगे किसानों के बिल
किसानों की पूर्ण कर्ज माफी वाला विधेयक-2018 और कृषि उपज के उचित व लाभकारी मूल्य वाला विधेयक संसद में निजी विधेयक के तौर पर पेश किया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों की पूर्ण कर्ज माफी वाला विधेयक-2018 और कृषि उपज के उचित व लाभकारी मूल्य वाला विधेयक संसद में निजी विधेयक के तौर पर पेश किया जाएगा। इन दोनों विधेयकों के मसौदे को बुधवार को यहां संसद एनेक्सी में अंतिम रूप दे दिया गया। बैठक में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में विधेयकों के अंतिम मसौदे के प्रत्येक प्रावधानों पर एक-एक कर सहमति बनाई गई। सभी पक्षों के सुझावों पर गंभीर चर्चा के बाद ही इन्हें अंतिम रूप दिया गया। समन्वय समिति के सदस्य और संसद सदस्य इन्हें निजी विधेयक के तौर पर संसद में पेश करेंगे। आज बैठक में हिस्सा लेने वाले प्रमुख नेताओं में एनसीपी के दिग्गज नेता शरद पवार, टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी, कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा, समाजवादी पार्टी, आरजेडी के जेपी यादव, शिवसेना के अरविंद सावंत, बीजेडी के नागेंद्र प्रधान, आप के आशुतोष और आरएलडी के जयंत चौधरी थे।
किसानों से जुड़े मुद्दों पर आधारित इन विधेयकों पर अपनी पूर्व सहमति देने वाले राजनीतिक दलों में टीडीपी, सपा, डीएमके, एआईडीएमके, जनता दल (सेक्युलर), एआईडीएमके, जनता दल (सेक्युलर), झारखंड विकास मोर्चा, सीपीआई, सीपीएम और आरएसपी के नाम प्रमुख हैं। बैठक में भारतीय किसान संघर्ष समिति के संयोजक वीएम सिंह, राजू शेट्टी, कविता कुरुंगति, सीएसीपी के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर टी. हक, किरण विस्सा और आशीष मित्तल भी उपस्थित थे।