गुजरात: बुलेट ट्रेन की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया का किसान कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन
किसानों ने एनएचएसआरसी के अधिकारियों से पहली मीटिंग का ब्योरा उपलब्ध कराने की मांग की।
वडोदरा, (एजेंसी)। गुजरात में अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर बुलाई गई बैठक में किसानों का विरोध हावी रहा। किसानों का कहना है कि उन्हें संक्षिप्त सूचना पर सोमवार को हुई बैठक में बुलाया गया था। दरअसल, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसी) ने रविवार को अखबार में बैठक से संबंधित एक नोटिस प्रकाशित कराया था। इस नोटिस में कहा गया था कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए संबद्ध पक्षों की दूसरी बैठक बुलाई जा रही है।
किसानों का दावा है कि पहली मीटिंग कभी हुई ही नहीं थी। बैठक के लिए दी गई सूचना में घालमेल से भड़के किसानों ने एनएचएसआरसी के अधिकारियों से पहली मीटिंग का ब्योरा उपलब्ध कराने की मांग की। किसानों के प्रतिनिधि कृष्णकांत ने कहा, बैठक का एजेंडा और उद्देश्य स्पष्ट नहीं है। अधिकारी इसे दूसरी बैठक बता रहे हैं जबकि किसी को पता ही नहीं है कि पहली मीटिंग कब हुई थी। कम समय में सूचना दिए जाने के कारण ब़़डी संख्या में किसान मीटिंग में पहुंच नहीं पाए।' किसानों ने वडोदरा व भरच के कलेक्टर को अपनी मांग से संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा।
गौरतलह है कि भावनगर जिले के एक गांव में प्रस्तावित कोयला संयंत्र के वास्ते जमीन पर कब्जा लेने के लिए गुजरात सरकार की एक कंपनी के कदम पर किसानों ने विरोध जताया था। गुजरात पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने लगभग दो दशक पहले अपना प्रस्तावित लिग्नाइट संयंत्र स्थापित करने के लिए भावनगर में घोघा तालुक के 12 गांवों में लगभग 1,250 किसानों की 3,377 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था।