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सरकार के साथ 15 जनवरी को होने वाली वार्ता में शामिल होंगे किसान, ट्रैक्टर परेड को लेकर 17 को बनेगी रणनीति

किसानों ने कहा है कि सरकार 15 जनवरी की बैठक में कानून निरस्त करने का अंतिम फैसला ले। किसानों ने कहा कि यदि इस बार भी टाल-मटोल हुआ तो आंदोलन तेज करेंगे। किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के पर्व पर तीनों नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 09:33 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:57 AM (IST)
सरकार के साथ 15 जनवरी को होने वाली वार्ता में शामिल होंगे किसान, ट्रैक्टर परेड को लेकर 17 को बनेगी रणनीति
15 जनवरी को आहूत बैठक में किसान जाएंगे और सरकार से तीनों कानून रद करने पर सीधी वार्ता करेंगे।

नई दिल्ली, जेएनएन। कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों ने बुधवार को साफ तौर पर कहा कि सरकार 15 जनवरी की बैठक में कानून निरस्त करने का अंतिम निर्णय ले, ताकि वे अपने घरों को लौटें। यदि इस बार भी टाल-मटोल हुआ तो आंदोलन तेज करेंगे। किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर ही लोहड़ी का त्योहार मनाया। इस दौरान उन्होंने तीनों नए कृषि कानूनों की प्रतियां भी जलाई और मूंगफली व रेवडि़यां बांटीं।

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15 जनवरी को वार्ता में होंगे शामिल

48 दिन से दिल्ली की सीमा पर डटे किसान कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कुंडली बार्डर पर किसान संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने बैठक की, जिसमें आंदोलन की रूपरेखा और अब तक के कामकाज की समीक्षा की गई। बैठक में तय हुआ कि 15 जनवरी को आहूत बैठक में किसान जाएंगे और सरकार से तीनों कानून रद करने पर सीधी वार्ता करेंगे। इसके बाद एमएसपी गारंटी की चर्चा की जाएगी।

ट्रैक्‍टर परेड पर 17 जनवरी को बैठक

संयुक्त मोर्चा ने तय किया है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड कहां से कहां तक जाएगी, किस स्वरूप में होगी, राजपथ पर किसान जाएंगे या दिल्ली के चारों ओर परिक्रमा करेंगे, संसद भवन जाना है या नहीं, ट्रैक्टर परेड के रूट आदि को लेकर 17 जनवरी को बैठक की जाएगी। 18 जनवरी को महिला किसान दिवस व 23 को युवा किसान दिवस का आयोजन होगा। रेवड़ी व मूंगफली बांटी सिंघु बार्डर समेत तमाम धरना स्थलों पर किसानों को रेवड़ी व मूंगफली बांटी गई।

साथियों को दी श्रद्धांजलि

वहीं, बुराड़ी में किसानों ने उन प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि दी, जिनकी मौत प्रदर्शन के दौरान हो गई थी। इस दौरान उन्होंने दो मिनट का मौन भी रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण व ठंड को देखते हुए किसानों को बच्चों व महिलाओं को घर भेजने को कहा था। लेकिन, बुधवार को भी काफी कम संख्या में लोग सिंघु बार्डर पर मौजूद रहे। किसानों के समर्थन में पंजाबी गायक बबू मान भी पहुंचे।

बैठक में यह रहे शामिल

कुंडली बार्डर पर हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर दहिया समेत जत्थेबंदियों के सदस्य मौजूद रहे।

18 जनवरी को जिला मुख्‍यालयों पर विरोध प्रदर्शन

किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हमने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चढेंगे और सरकार को कानून वापस लेने पड़ेंगे। 18 तारीख को महिलाएं पूरे देश में बाजारों में, SDM दफ़्तरों, जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगी।

टिकैत बोले- दिल्ली की सड़कों पर दौड़ाएंगे 10 साल पुराने ट्रैक्टर

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन को और तेज करने की बात कही। उन्‍होंने कहा कि कृषि क़ानून कैसे ख़त्म हो सरकार को इस पर काम करना चाहिए। सरकार ने 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर बैन लगाया है तो हम 10 साल पुराने ट्रैक्टर को दिल्ली की सड़कों पर चला कर दिखाएंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि आंदोलन में यदि कोई देश विरोधी बातें कर रहा है तो सरकार उसे गिरफ़्तार करना चाहिए।

कृषि कानूनों की प्रतियां जला मना रहे लोहड़ी

वसंत की शुरुआत में उत्तर भारत में लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। इस मौके पर लोग लकड़ियां इकट्ठी करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं। किसान नेता मंजीत सिंह राय ने एलान किया है कि किसान सभी प्रदर्शन स्थलों पर 13 जनवरी की शाम को कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। देश के अलग- अलग हिस्‍सों में किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलानी शुरू कर दी हैं। 


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