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बेटी की चाहत में सात बेटे हुए, अनाथ बेटी मिली तो सरकार छीनने आ गई

धौलपुर के मानियां के सैमर का पुरा में रहने वाले लीलाधर और सुखी देवी के यहां 14 दिसंबर को एक बेटे ने जन्म लिया। सात बेटे होने के बाद भी बेटी की चाहत पूरी नहीं हुई।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 27 Sep 2017 12:58 PM (IST)Updated: Wed, 27 Sep 2017 12:58 PM (IST)
बेटी की चाहत में सात बेटे हुए, अनाथ  बेटी मिली तो सरकार छीनने आ गई
बेटी की चाहत में सात बेटे हुए, अनाथ बेटी मिली तो सरकार छीनने आ गई

जयपुर, ब्यूरो। राजस्थान में धौलपुर के एक दंपती ने बेटी की चाहत में सात बेटे पैदा कर लिए। लेकिन यह ख्वाहिश पूरी हुई सड़क पर मिली एक अनाथ बच्ची के रूप में। दंपती उसे घर लाकर पालने लगे तो अब सरकार का समाज कल्याण विभाग बेटी को छीनने आ गया।

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धौलपुर के मानियां के सैमर का पुरा में रहने वाले लीलाधर और सुखी देवी के यहां 14 दिसंबर को एक बेटे ने जन्म लिया। यह इनका सातवां बेटा है। सात बेटे होने के बाद भी बेटी की चाहत पूरी नहीं हुई। इससे परिवार कुछ निराश था। लेकिन इसके अगले दिन सुखी देवी के पति लीलाधर पार्वती नदी के किनारे बैठे थे। वहां उन्हें एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने जब आसपास देखा तो लावारिस हालत में दो-तीन दिन की बच्ची पड़ी थी, जिसके शरीर पर चीटियां चिपकी हुई थीं। उन्होंने आसपास बच्ची के परिजनों को तलाशा, काफी देर तक जब कोई नहीं मिला तो वे उसे अपने घर ले आए। घर लाकर उन्होंने बच्ची को अपनी पत्नी को सौंप दिया।

सुखी देवी ने बच्ची को नहलाकर अपना दूध पिलाया। उसके बाद से बच्ची उन्हीं को अपनी मां समझ रही है। परिवार ने बच्ची का नाम भारती रखा है। उनका कहना है कि भारत मां ने उन्हें यह बेटी दी है, इसलिए यह नाम रखा गया है। उधर, समाज कल्याण विभाग को इसकी जानकारी मिली तो विभाग दंपती से बच्ची को दोबारा सौंपने को कह रहा है। जानकारी के मुताबिक, परिवार ने ही विभाग को पत्र लिखकर बेटी के बारे में हुआ पूरा प्रकरण बताया। इसके बाद विभाग ने उनसे बच्ची को सौंपने की बात कह दी। यह दंपती अब कानूनी रूप से भी बच्ची को अपनाना चाहता है। उनके वकील का कहना है कि दंपती बेटी चाहता था, लेकिन बेटे होते गए। परिवार सक्षम है, बेटी को चाहता है, ऐसे में वे कोर्ट से इस बेटी को अपनाने का अधिकार मांगेंगे।

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