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आपके फोन में अपने आप सेव हुआ UIDAI का नंबर है फर्जी, रहें सावधान!

बिना यूजर्स की जानकारी के रातोंरात फोनबुक में सेव हो गया यूआइडीएआइ का हेल्पलाइन फर्जी निकला। खुद यूआइडीएआइ ने यह खुलासा किया और इसे किसी की शरारत करार दिया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 03 Aug 2018 01:36 PM (IST)Updated: Fri, 03 Aug 2018 03:56 PM (IST)
आपके फोन में अपने आप सेव हुआ UIDAI का नंबर है फर्जी, रहें सावधान!
आपके फोन में अपने आप सेव हुआ UIDAI का नंबर है फर्जी, रहें सावधान!

नई दिल्ली (जेएनएन)। यूआइडीएआइ यानि आधार ने मीडिया में आ रही उस खबर पर स्पष्टीकरण दिया है, जिसमें कहा जा रहा है कि एंड्रॉयड यूजर्स के फोन में अपने आप यूआइडीएआइ हेल्पलाइन नंबर सेव हो रहा है। यूआइडीएआइ ने स्पष्ट किया है कि उसने किसी भी मोबाइल फोन निर्माता या सेवा प्रदाता से ऐसा कुछ करने को नहीं कहा है। यही नहीं यूआइडीएआइ ने तो जो टोलफ्री नंबर (1800-300-1947) यूजर्स के फोनबुक में सेव हो रहा है उसे अवैध बताया है। इसके साथ ही यूआइडीएआइ का कहना है यह किसी की शरारत है और वह आम लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहता है। बताया गया कि यूआइडीएआइ का टोलफ्री नंबर 1947 है और यह 2 साल से ज्यादा समय से चालू है।

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इससे पहले भारत के हजारों स्मार्टफोन यूजर्स उस वक्त हैरान रह गए, जब खुद बा खुद यूआइडीएआइ का टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर (फर्जी) उनके कॉन्टेक्ट लिस्ट में नजर आया। उनके लिए यह यकीन करना मुश्किल है कि बिना उनके सेव किए यूआइडीएआइ का हेल्पलाइन नंबर उनकी कॉन्टेक्ट लिस्ट आया कैसे? इस सवाल ने एक बार फिर से आधार की मंशा पर सवाल उठा दिए थे। इसको लेकर ट्विटर पर कई यूजर्स ने कमेंट किए और UIDAI की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए, जबकि बाद में पता चला कि यह नंबर फर्जी है।

यह फर्जी नंबर यूजर्स की सहमति के बिना उनकी फोनबुक में सेव हो गया। एक यूजर्स ने फोनबुक का स्क्रीनशॉट लेते हुए ट्वीट कर कहा, 'यह कोई मजाक नहीं है, क्योंकि यह मेरे फोन में भी हुआ है। मैंने इस नंबर को सेव नहीं किया। आप भी जल्दी से अपना फोन चेक करें। चिंतित महसूस हो रहा है।'

फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एल्डर्सन ने ट्विटर पर यूआइडीएआइ से पूछा, 'कई लोग, जो अलग-अलग सर्विस प्रोवाइडर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके पास आधार कार्ड हैं और जिनके पास नहीं है, आधार एप इंस्टॉल होने और न होने वाले...सभी ने ध्यान दिया है कि आपका फोन नंबर डिफ़ॉल्ट रूप से उनकी संपर्क सूची में पूर्वनिर्धारित है, उनकी जानकारी के बिना। क्या आप समझा सकते हैं क्यों? "

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) के चेयरमैन आरएस शर्मा की हैकरों को चुनौती वाला ट्वीट और उसका रिएक्शन क्या हुआ, ये किसी से छिपा नहीं है। इन सब के बीच अब ट्विटर पर एक और बहस शुरू हो गई है। शर्मा ने 28 जुलाई को अपना 12 अंकों का आधार नंबर साझा करके एक ट्वीट करते हुए हैकर्स को चुनौती दी थी। शर्मा ने हैकर्स से कहा था कि वो उनकी डिटेल्स को हैक करके दिखाए। जिसके बाद हैकर्स ने उनकी चुनौती स्वीकारते हुए ट्राइ चीफ की 14 व्यक्तिगत जानकारियों को लीक कर दिया था। जिसके उनका मोबाइल नंबर, घर का पता, जन्मतिथि, पैन कार्ड नंबर, वोटर आइडी समेत कई दस्तावेज शामिल थे।


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