Move to Jagran APP

गजब की ठगी, फर्जी सुप्रीम कोर्ट में कर दी सुनवाई; CJI बनकर नामी उद्योगपति को लगाई 7 करोड़ रुपये की चपत

Fake Supreme Court ठग नए-नए पैंतरे आजमाकर कई बड़ी हस्तियों को भी अब अपने जाल में फंसा रहे हैं। ऐसी ही एक मामला हाल ही में सामने आया जिसमें ठगों ने एक बड़े नामी कपड़ा उद्योगपति से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर ही ठगी कर ली। दिग्गज उद्योगपति और वर्धमान समूह के चेयरमैन एसपी ओसवाल ने साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई है।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Tue, 01 Oct 2024 05:21 PM (IST)
Hero Image
Fake Supreme Court सुप्रीम कोर्ट के नाम पर ठगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Fake Supreme Court ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ठग नए-नए पैंतरे आजमाकर कई बड़ी हस्तियों को भी अब अपने जाल में फंसा रहे हैं। ऐसी ही एक मामला हाल ही में सामने आया, जिसमें ठगों ने एक बड़े नामी कपड़ा उद्योगपति से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर ही ठगी कर ली। 

सुप्रीम कोर्ट में फर्जी सुनवाई

दरअसल, दिग्गज उद्योगपति और वर्धमान समूह के चेयरमैन एसपी ओसवाल ने साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई है। ओसवाल ने खुलासा किया कि अपराधियों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नाम से एक व्यक्ति की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट में फर्जी सुनवाई आयोजित की।

मनी लॉन्ड्रिंग केस के नाम पर ठगे 7 करोड़ 

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, धोखेबाजों ने ओसवाल से 7 करोड़ रुपये ठग लिए, उन्हें कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक फर्जी अदालती कार्यवाही में शामिल होने के लिए कहा और उन्हें एक खाते में धन जमा करने का 'निर्देश' दिया।

SC के निगरानी खाते के नाम पर पैसे जमा करवाए

रिपोर्ट के अनुसार, ओसवाल ने पंजाब पुलिस को इस मामले में शिकायत दर्ज की है। उन्होंने बताया कि ठगों ने अदालत की सुनवाई के संबंध में स्काइप कॉल की और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उन्हें अपने सभी फंड एक गुप्त निगरानी खाते में जमा करने होंगे।ॉ

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पुलिस 30 सितंबर को आरोपियों से ठगी गई रकम बरामद करने में सफल रही।

ओसवाल ने बताया, "स्काइप के जरिए सुप्रीम कोर्ट की फर्जी सुनवाई के दौरान, उन्होंने फर्जी जज को जस्टिस चंद्रचूड़ के रूप में पेश किया, हालांकि मैं उनका चेहरा नहीं देख पाया। लेकिन मैं उन्हें बात करते और मेज पर हथौड़ा मारते हुए सुन सकता था। सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश इतना सटीक और मुहरबंद था कि मुझे लगा कि यह असली है और मैंने पैसे ट्रांसफर कर दिए। "