इरादे रोज बनते हैं, बन के बिगड़ जाते हैं, अयोध्या वही जाते हैं, जिन्हें राम बुलाते हैं, राम के ननिहाल की मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे फैज
श्रीराम तो शबरी केवट निषाद हनुमान गिलहरी जटायु सबके हैं। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सब पर उनकी कृपा बरसती है।
मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। भगवान श्रीराम के ननिहाल की मिट्टी लेकर गौभक्त मोहम्मद फैज खान मंगलवार शाम को अयोध्या पहुंच गए। फैज ने भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए कौशल्या माता मंदिर की मिट्टी साधू-संतों को सौंपी। भगवान राम के ननिहाल से पहुंचे फैज का संतों ने आगे बढ़कर स्वागत किया।
फैज ने कौशल्या माता मंदिर की मिट्टी साधू-संतों को सौंपी
फैज ने कहा कि भगवान श्रीरामचंद्र की कृपा से अयोध्याजी पहुंच गया। रामजी के ननिहाल माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी दक्षिण कौशल (छत्तीसगढ़) की पावन माटी कारसेवकपुरम में भेंट की। कारसेवकपुरम में अत्यंत शांति और सादगी से पहुंचकर यह मिट्टी महंत शंभुदेवाचार्य को सौंपी गई। यहीं पर विभिन्न स्थानों से लाई गई मिट्टी और पावन जल को संग्रहित किया जा रहा है।
इरादे रोज बनते हैं, बन के बिगड़ जाते हैं, अयोध्या वही जाते हैं, जिन्हें राम बुलाते हैं
फैज ने कहा कि प्रविशि नगर कीजे सब काजा, हृदय राखी कोसलपुर राजा, भगवान श्रीराम चंद्र की कृपा से संकल्प पूर्ण हुआ। फैज ने नईदुनिया से चर्चा में कहा कि मैं भगवान श्रीरामचंद्र के निमंत्रण और आदेश पर माता कौशल्या धाम की पावन मिट्टी लेकर अयोध्याजी पहुंचा हूं। इरादे रोज बनते हैं, बन के बिगड़ जाते हैं, अयोध्या वही जाते हैं, जिन्हें राम बुलाते हैं। रायपुर से अयोध्या के मार्ग पर रामभक्तों ने खूब स्नेह दिया। भोजन, पानी, रात्रि विश्राम और आर्थिक सहयोग की व्यवस्था की।
जा पर कृपा राम की होही, ता पर कृपा करें सब कोई
रामकाज के लिए पैदल निकला, तो सबने कृपा की। जा पर कृपा राम की होही, ता पर कृपा करें सब कोई। श्रीराम तो शबरी, केवट, निषाद, हनुमान, गिलहरी, जटायु सबके हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब पर उनकी कृपा बरसती है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि रामजी ने मुझे अपने काज के लिए चुना।
होइही सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा
होइही सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा। ननिहाल के साथ इन पावन स्थानों की सौंपी मिट्टी फैज ने कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी, रायपुर (छत्तीसगढ़), महामाया माता मंदिर, रतनपुर, ज्वाला देवी मंदिर, धनपुरी जिला शहडोल, तुलसी माता मंदिर, छतरपुर, महारानी लक्ष्मी बाई बलिदान स्थल, ग्वालियर, दाता बंदीछोड़ गुरद्वारा, ग्वालियर किला की मिट्टी संतों को सौंपी।