सस्ते कर्ज का रास्ता साफ, रेपो रेट सात साल के निम्नतम पर
रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने उम्मीद के मुताबिक कर्ज की दरों को घटाने का रास्ता साफ कर दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने उम्मीद के मुताबिक कर्ज की दरों को घटाने का रास्ता साफ कर दिया है। बुधवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए केंद्रीय बैंक ने करीब 10 माह के बाद रेपो रेट में चौथाई फीसद की कटौती का एलान किया। औद्योगिक उत्पादन की खस्ताहाल स्थिति के मद्देनजर उद्योग जगत व विशेषज्ञों ने इस नीतिगत ब्याज दर में आधा फीसद कमी की उम्मीद लगाई थी। आरबीआइ ने माना है कि हर तरफ से महंगाई दर अभी काबू में है, लेकिन अगले डेढ़ से दो वर्षों में यह बढ़ सकती है। वैसे, अगली तिमाही में रेपो रेट में एक कटौती और संभव है।
मौद्रिक नीति की समीक्षा के लिए गठित छह सदस्यीय समिति (एमपीसी) की सिफारिश पर आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल ने रेपो रेट को 0.25 फीसद घटाकर छह फीसद करने की घोषणा की। यह वर्ष 2010 के बाद यानी करीब सात साल की सबसे कम रेपो दर दर है। अक्टूबर, 2016 के बाद यह पहला मौका है, जब इसमें कमी की गई है। यही नहीं, भारत पहला एशियाई देश है, जहां इस साल ब्याज दर में कटौती का एलान किया है। ताजा कमी के साथ रिवर्स रेपो रेट घटकर 5.75 फीसद पर आ गई है। रेपो रेट वह नीतिगत दर है जो आरबीआइ कम अवधि के लिए फंड उधार लेने पर बैंकों से लेता है। रिवर्स रेपो रेट बैंकों को मिलने वाली वह दर है, जो वे अपने फंड अल्पकाल के लिए आरबीआइ के पास जमा कराने परप्राप्त करते हैं।
एमपीसी के पांच सदस्य थे समर्थन में
पटेल समेत समिति के चार सदस्यों ने इस कटौती का समर्थन किया, जबकि एक सदस्य आरएच ढोलकिया 0.50 फीसद कमी कटौती के पक्ष में थे। एक अन्य सदस्य एमडी पात्रा यथास्थिति बनाए रखने के पक्षधर थे। एमपीसी के सभी सदस्यों ने यह माना है कि महंगाई की स्थिति हर तरह से सही है। जून में महंगाई की दर 1.56 फीसद रही है। बेहतर मानसून, ग्लोबल बाजार में जिंसों की कीमतों में गिरावट जैसी वजहों से महंगाई का खतरा बहुत ज्यादा नहीं है।
अक्टूबर में हो सकती है फिर कटौती
मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए पटेल ने कहा कि अगले डेढ़-दो वषरें में महंगाई दर में एक फीसद का इजाफा हो सकता है। ऐसी स्थिति में यह 2.5 से तीन फीसद के बीच हो सकती है, जो आरबीआइ के वार्षिक लक्ष्य चार फीसद से काफी कम होगी। जानकार मान रहे हैं कि अक्टूबर, 2017 के पहले हफ्ते में जब तीसरी बार मौद्रिक समीक्षा होगी तब रेपो रेट में एक और कटौती हो सकती है। लेकिन इस कमी का फायदा आम जनता या उद्योग जगत को मिलता है या नहीं यह बैंकों के रुख पर निर्भर करेगा। बुधवार की कटौती को जोड़ दिया जाए तो जनवरी, 2015 के बाद से अभी तक रेपो रेट में 2 फीसद की कमी हो चुकी है, लेकिन वास्तविक तौर पर बैंकों ने ग्राहकों को बमुश्किल 0.7-0.8 फीसद का फायदा कर्ज की दरों में दिया है। वैसे आरबीआइ ने साफ संकेत दिया है कि वह इस बारे में कुछ कदम तुरंत उठाएगा।
चौथाई फीसद की कटौती के साथ रेपो रेट सात साल के निम्नतम पर
अगली तिमाही में आरबीआइ की ओर से इतनी ही कमी और संभव-उद्योग जगत ने लगाई थी 0.50 फीसद कटौती की आस-कर्ज की ब्याज दर घटाने के लिए अब बैंकों पर नजर
मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें -रेपो दर घटकर अब छह फीसद और रिवर्स रेपो दर 5.75 फीसद पर
-आर्थिक विकास दर का अनुमान 7.3 फीसद पर बरकरार-ब्याज दर तय करने के मौजूदा तरीके एमसीएलआर में होगा बदलाव -कर्जदारों का लेखा-जोखा रखने के लिए बनेगी पब्लिक क्रेडिट रजिस्ट्री
-मौद्रिक नीति को सटीक बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जुटाया जाएगा डाटा
आरबीआइ को सरकार से उम्मीदें
1. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की दिक्कतों को दूर किया जाए
2. प्रधानमंत्री आवास योजना को दी जाए प्राथमिकता
3. राज्य सरकारें लंबित परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने में मदद करें
रुपया दो साल के उच्च स्तर पर
मुंबई, प्रेट्र। बुधवार को अमेरिकी डॉलर के विरुद्ध रुपया ने जोरदार छलांग लगाई। इसमें 37 पैसे की मजबूती दर्ज की गई। अमेरिकी डॉलर के विरुध रुपया 63.70 के स्तर पर आ गया। आरबीआइ के रेपो रेट में गिरावट आने का असर मुद्रा बाजार में दिखाई दिया। इससे पहले 22 जुलाई 2015 को रुपया ने 63.58 का स्तर छुआ था।
शेयर बाजार में दिखी गिरावट
मुंबई, प्रेट्र । रेपो रेट में सिर्फ चौथाई फीसद की कटौती बाजार को पसंद नहीं आई। ज्यादा की उम्मीद लगाए निवेशकों ने दलाल स्ट्रीट में बुधवार को बिकवाली की। इसके चलते बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 98.43 अंक लुढ़ककर 32476.७74 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 33.15 अंक टूटकर 10081.50 पर बंद हुआ।
कितनी राहत की उम्मीदअगर बैंक रेपो रेट के अनुरूप होम लोन की ब्याज दर 0.25 फीसद घटाते हैं, तो मासिक किस्त (ईएमआइ) में 315.15 रुपये की राहत मिलेगी।
- होम लोन 8.5 फीसद
- होम लोन 8.25 फीसद
-ईएमआइ 17,356.46 -- 17,041.31
किस्त में बचत -- 315.15
कुल ब्याज बचत 75,636
(नोट- 20 लाख रुपये होम लोन 20 साल के लिए लेने पर।)