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कर्ज में डूबे परिवार ने गंगा में लगाई छलांग, तीन मरे

कर्ज के जाल में फंसे एक गरीब परिवार ने कर्जदारों की धमकियों से त्रस्त होकर नरौरा में गंगा में छलांग लगा दी। गोताखोरों ने तीन लाशें निकालीं। एक को बचा लिया गया है। छलांग लगाने से पहले दो ब'चों को बुआ के पास इंदौर भेज दिया गया था।

By Edited By: Published: Sun, 05 May 2013 12:59 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2013 03:45 PM (IST)
कर्ज में डूबे परिवार ने गंगा में लगाई छलांग, तीन मरे

अलीगढ़ [वरिष्ठ संवाददाता] कर्ज के जाल में फंसे एक गरीब परिवार ने कर्जदारों की धमकियों से त्रस्त होकर नरौरा में गंगा में छलांग लगा दी। गोताखोरों ने तीन लाशें निकालीं। एक को बचा लिया गया है। छलांग लगाने से पहले दो बच्चों को बुआ के पास इंदौर भेज दिया गया था।

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छर्रा क्षेत्र के गांव सुनपहर के रहने वाले छीतरमल का इकलौता बेटा धर्मेद्र बढ़ई का काम करता था। करीब 12 साल पहले कर्ज से घिर जाने पर वह गांव का मकान बेचकर अलीगढ़ आ गया। इन दिनों वह यहां डोरी नगर में किराए के मकान में सपरिवार रहता था। उसने ईगल फर्नीचर स्टोर के नाम से दुकान भी खोल रखी थी। बताते हैं कि धर्मेद्र यहां भी कर्ज में फंस गया। न चुका पाने के कारण उसे धमकियां भी मिलने लगी थीं।

शनिवार को सुबह 9.30 पर धर्मेद्र अपनी पत्‍‌नी, इकलौते बेटे और तीनों बेटियों के साथ नरौरा पहुंच गया। उसने नरौरा और बबराला में दिनभर नौकरी की तलाश की। कोई काम न मिला तो शाम सात बजे धर्मेन्द्र ने इकलौते बेटे मिथुन (19) व बेटी स्वाति (10) से कहा कि वे दोनों अपनी बुआ के घर इंदौर चले जाएं। आर्थिक स्थिति ठीक होते ही दोनों को वापस बुला लेंगे। यह सुनकर दोनों बच्चे रोते हुए वहां से चले गए।

शनिवार रात करीब 9.30 पर बाकी परिजनों ने एक साथ जलसमाधि लेने का फैसला कर लिया। थोड़ी देर बाद ही धर्मेद्र (46), उसकी पत्‍‌नी गुड्डी देवी (40), बेटी तोशी (17) व भावना (14) ने गंगा में छलांग लगा दी। गुड्डी बहती हुई नहर में पहुंच गई और खुदुही बाहर निकल आई। रात करीब 12.30 पर गश्ती पुलिस ने उसे बदहवासी में भटकते देखा तो थाने ले गई। गुड्डी ने थाने में पुलिस को पूरी घटना बताई तो रविवार सुबह छह बजे नदी में गोताखोर उतारे गए। करीब डेढ़ घंटे में तीनों लाशें निकाल ली गई। गुड्डी देवी ने पुलिस को बताया कि अलीगढ़ में प्रेम नगर निवासी पुष्पेंद्र ठाकुर से उसके पति ने पांच हजार रुपये उधार लिए थे। ब्याज के ऊपर ब्याज जुड़ता गया और यह राशि डेढ़ लाख तक पहुंच गई। दबाव बढ़ने पर कर्जदाता को रोजाना 800 रुपये की किस्त दिया जाना तय हुआ। धर्मेद्र कुछ दिनों की और मोहलत चाह रहा था, लेकिन कर्जदाता तैयार नहीं हुआ। उसने 12 महीने में पूरा पैसा न मिलने पर बेटे को उठा ले जाने की धमकी दी। इसी दौरान एक अन्य कर्जदाता जगन निवासी सराय हकीम ने भी अपनी राशि न चुकता करने पर धमकी देना शुरू कर दिया। कर्ज न चुका पाने की स्थिति में पूरे परिवार ने जान दे देने का फैसला कर लिया। नरौरा पुलिस ने गुड्डी देवी की तहरीर के आधार पर पुष्पेंद्र ठाकुर जगन के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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