फेसबुक पहली बार शोधकर्ताओं को एक फरवरी से चुनावी विज्ञापनों के डाटा कराएगी मुहैया
फेसबुक पहली बार 13 लाख से ज्यादा सामाजिक मुद्दों चुनावी और राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़ी लक्षित सूचनाएं शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराएगी। ये आंकड़े एक फरवरी से फेसबुक ओपन रिसर्च एंड ट्रांस्परेंसी प्लेटफार्म के जरिये मिलेंगे। अमेरिकी चुनाव के बारे में भी जानकारी होगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। फेसबुक पहली बार 13 लाख से ज्यादा सामाजिक मुद्दों, चुनावी और राजनीतिक विज्ञापनों से जुड़ी लक्षित सूचनाएं शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराएगी। ये आंकड़े एक फरवरी से फेसबुक ओपन रिसर्च एंड ट्रांस्परेंसी (एफओआरटी) प्लेटफार्म के जरिये मिलेंगे। इस डाटा पैकेज में गत वर्ष तीन अगस्त से लेकर तीन नवंबर (मतदान की तारीख) तक चले अमेरिकी चुनाव से संबंधित विज्ञापनों के बारे में भी जानकारी होगी।
फेसबुक ने कहा- प्लेटफार्म की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
फेसबुक ने सोमवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी है। बयान में कहा गया है कि कंपनी ने यह टूल इसलिए तैयार किया है ताकि शोधकर्ताओं को चुनाव पर फेसबुक के उत्पादों के प्रभाव का अध्ययन करने में मदद मिले। इसमें लोगों की निजता की संरक्षा और प्लेटफार्म की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
चुनाव मुद्दों पर डिजिटल विज्ञापनों के बारे में जानने से ज्यादा समझना अहम है
कंपनी ने कहा है कि चुनाव जैसे मुद्दों पर डिजिटल विज्ञापनों के प्रभाव के बारे में जानने से ज्यादा यह समझना अहम है कि विज्ञापनदाता लक्षित उपभोक्ताओं का चयन कैसे करते हैं।
चुनावी आंकड़े विश्लेषण और रिपोर्टिग के लिए उपलब्ध होंगे
कंपनी ने कहा कि चुनाव जैसे मुद्दों पर डिजिटल विज्ञापनों के प्रभाव के बारे में साामाजिक मुद्दे, चुनावी या राजनीतिक विज्ञापन चलाने वाले विज्ञापनदाताओं द्वारा स्थान और रुचि जैसे मानदंडों का चयन किस तरह किया जाता है, इसके आंकड़े विश्लेषण और रिपोर्टिग के लिए उपलब्ध होंगे। इससे उम्मीद है कि लोगों को यह समझने में मदद मिलेगी कि फेसबुक पर संभावित मतदाताओं तक पहुंचने के लिए क्या तरीका अपनाया जाता है।