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भारत, इंडोनेशिया सहित फिलीपींस में सबसे ज्यादा डुप्लीकेट अकाउंट, फेसबुक ने जारी किए आंकड़े

फेसुबक (Facebook) पर कम से कम 27.5 करोड़ डुप्लीकेट अकाउंट वैश्विक स्तर पर हो सकते हैं। सोशल मीडिया की वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 03:29 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 03:29 PM (IST)
भारत, इंडोनेशिया सहित फिलीपींस में सबसे ज्यादा डुप्लीकेट अकाउंट, फेसबुक ने जारी किए आंकड़े
भारत, इंडोनेशिया सहित फिलीपींस में सबसे ज्यादा डुप्लीकेट अकाउंट, फेसबुक ने जारी किए आंकड़े

नई दिल्ली, पीटीआइ। फेसुबक (Facebook) पर कम से कम 27.5 करोड़ डुप्लीकेट अकाउंट वैश्विक स्तर पर हो सकते हैं। सोशल मीडिया की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2019 के महीने में 2.50 बिलियन अकाउंट में से 275 मिलियन डुप्लीकेट अकाउंट फेसबुक पर हो सकते हैं। यह फीसद साल 2018 दिसंबर महीने से बढ़ा है। सबसे ज्यादा डुप्लीकेट अकाउंट में आने वाले देश भारत, इंडोनेशिया, फिलिपिंस है।

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फेसबुक के मुताबिक, इन यूजर्स ने फेसबुक पर अपने दो अकाउंट बनाए हुए है। पहला अकाउंट उनका रियल अकाउंट है वहीं दूसरा अकाउंट झूठा/ फर्जी अकाउंट है। अपने अकाउंट को इन यूजर्स ने दो कैटेगरी में बांटा हुआ है। जहां पर यूजर्स ने एक कैटेगरी मिस क्लासिफाइड अकाउंट है। जहां यूजर्स ने अपना पर्सनल प्रोफाइल बनाया हुआ है। यह अकाउंट बिजनेस के लिए बनाया गया है।

जबकि दूसरा अकाउंट नॉन ह्यूमन है। फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि यह झूठे अकाउंट फेसुबक के दिशा-निर्देश का उल्लंघन करते हैं। ऐसे में फेसबुक की तरफ से कहा गया है कि डुप्लीकेट और झूठे अकाउंट की पहचान करना काफी मुश्किल है। रिपोर्ट में  कहा गया है कि नकली या फर्जी खातों की संख्या का अनुमान नमूने की आंतरिक समीक्षा पर आधारित है। यह अनुमान वास्तविक संख्या से भिन्न हो सकता है।

सरकार ला सकती नया नियम

वर्तमान समय में हर तीसरा इंसान सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में आसानी से सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट भी बनाए जाते हैं, जिसके जरिए आसानी से फेक न्यूज फैलाई जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार जल्द ही नया नियम ला सकती है। इस नियम मुताबिक, अगर सरकार फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर और टिक टॉक एप के मालिकों से सभी यूजर्स की पहचान उजागर करने के बारे में जानना चाहे तो इसकी जानकरी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संस्थापकों को देनी होगी। यानी गुमनाम पहचान को आसानी से नए नियम के अनुसार सामने लाया जा सकता है।


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