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कौमी एकता की मिसाल: छत्तीसगढ़ में छठ पूजा के लिए तालाब की सफाई में जुटा मुस्लिम समुदाय

भाईचारे का पर्व छठ पर्व हिंदुओं के महान पर्वों में से एक है। कार्तिक माह की षष्ठी तिथि से शुरू होने वाले छठ पर्व में हिंदुओं की गहरी आस्था है। इस पर्व में सूर्य देव की आराधना की जाती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 10:40 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 01:26 AM (IST)
कौमी एकता की मिसाल: छत्तीसगढ़ में छठ पूजा के लिए तालाब की सफाई में जुटा मुस्लिम समुदाय
कौमी एकता की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग।

श्रीशंकर शुक्ला, रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजधानी से लगे बिरगांव में कौमी एकता की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग एकबार फिर छठ पर्व के लिए व्यास तालाब की सफाई में जुट गए हैं। यह लोग पिछले 11 वर्षो से जिम्मेदारी संभाल रहे हैं ताकि पूजा के दौरान छठ व्रतियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इस तालाब के चारों तरफ हर वर्ष करीब 25 से 30 हजार श्रद्धालु पूजा करते हैं।

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मुस्लिम समुदाय के 30 लोग तालाब की सफाई में जुटे 

मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के करीब 30 लोग तालाब की सफाई में जुटे रहे। इसका नेतृत्व बिरगांव नगर निगम के पूर्व पार्षद इकराम अहमद करते हैं। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में छोटी-बड़ी एक हजार से अधिक फैक्ट्रियां हैं जिनमें दूसरे प्रदेशों से आए लोग सपरिवार काम करते हैं। 11 साल पहेल तालाब के चारों तरफ काफी संख्या में लोग छठ पूजा करने पहुंचे तब तालाब की हालत खराब थी थी। तभी विचार आया कि हमारे इलाके का तालाब है तो क्यों न इसे साफ करके हिंदू-मुस्लिम सामाजिक संबंधों को और मजबूत बनाएं। तभी से छठ पर्व के पहले तालाब की सफाई करने लगे।

भाईचारे का पर्व छठ  हिंदुओं के महान पर्वों में से एक है, सूर्य देव की होती है आराधना

भाईचारे का पर्व छठ पर्व हिंदुओं के महान पर्वों में से एक है। कार्तिक माह की षष्ठी तिथि से शुरू होने वाले छठ पर्व में हिंदुओं की गहरी आस्था है। इस पर्व में सूर्य देव की आराधना की जाती है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाए जाने वाले इस त्योहार को बहुत ही कठिन माना जाता है, क्योंकि लंबा व्रत रखना पड़ा है। यहां तालाब में कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए गोताखोर को भी तैनात किए जाएंगे। निगरानी समिति का भी गठन किया गया है। श्रद्धालुओं को मुस्लिम समुदाय की तरफ से सुबह पांच बजे चाय बांटी जाएगी। तालाब के चारों तरफ स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की गई है, ताकि पर्याप्त प्रकाश रहे। उनके अनुसार भाईचारे के इस पर्व को सब मिलजुलकर मनाएंगे।


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