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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पूर्व सैनिक और पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी भी मैदान में उतरे

(फाइल फोटो) जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सेना के साथ सेवानिवृत्त सैनिक भी मैदान में उतर आए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 11:06 PM (IST)
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पूर्व सैनिक और पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी भी मैदान में उतरे
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पूर्व सैनिक और पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी भी मैदान में उतरे

राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में  कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सेना के साथ सेवानिवृत्त सैनिक भी मैदान में उतर आए हैं। जम्मू कश्मीर के सैन्य अस्पतालों में बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के लिए कई सेवानिवृत सैन्य डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी भी स्वेच्छा से मदद को आगे आए हैं। आर्मी मेडिकल कोर ने कोरोना वायरस से किसी भी हालात का सामना करने के लिए विशेष योजना बनाई है। इसके तहत सैन्य अस्पताल दो वर्षों में सेवानिवृत्त हुए अपने कर्मियों से संपर्क में हैं। 

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दूसरी पूर्व सैनिक भी लोगों की मदद कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में करीब 1200 पूर्व सैनिकों ने उपराज्यपाल प्रशासन के बुलावे पर किसी भी समय कोविड ड्यूटी पर हाजिर होने की पेशकश की है। जम्मू कश्मीर सैनिक कल्याण बोर्ड ने इन पूर्व सैनिकों की सूची प्रशासन को सौंपी है। इसके साथ 821 पूर्व सैनिक कोरोना वायरस से उपजे चुनौतीपूर्ण हालात में जम्मू कश्मीर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की सुरक्षा की ड्यूटी भी संभाल रहे हैं। 

सेवानिवृत सैन्यकर्मी देश सेवा के लिए रहते हैं तत्पर : देवेन्द्र आनंद 

जम्मू के पीआरओ डिफेंस लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद का कहना है कि सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी हर समय देश सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। सेना अपने सेवानिवृत्त सैनिकों को बहुत अहमियत देती है। विशेष रूप से प्रशिक्षित ये लोग किसी भी हालात में काम करने की काबिलियत रखते हैं। सेना उनकी हर प्रकार से मदद करती है, इसमें उन्हें फिर से रोजगार दिलाना भी है। 

हजारों पूर्व सैनिक जरूरत पड़ने पर आगे आ सकते हैं : हरभजन सिंह 

सैनिक कल्याण बोर्ड के निदेशक ब्रिगेडियर हरभजन ङ्क्षसह का कहना है कि सेवानिवृत्त सैनिक अपने इलाकों में लोगों को खाना खिलाने, राशन बांटने व प्रशासन की सहायता के लिए आगे हैं। 50 वर्ष से कम आयु के 1200 पूर्व सैनिकों ने कोविड ड्यूटी के लिए इच्छा जताई है। उनकी सूची डिप्टी कमिश्नरों को उपलब्ध करवाई गई है। इसके साथ ही हजारों पूर्व सैनिक जरूरत पड़ने पर मदद के लिए आगे आ सकते हैं।

पूर्व सैनिकों को लाइफ सर्टिफिकेट देने से छूट 

कोरोना वायरस से उपजे हालात में भारतीय सेना ने चालू वित्त वर्ष में जीवित प्रमाणपत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) के बिना भी अपने पूर्व सैनिकों व वीर नारियों की पेंशन जारी रखने का फैसला किया है। निर्देश में कहा गया है कि पूर्व सैनिक कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स के पेंशन वितरण अधिकारियों से टेलीफोन पर पेंशन जारी रखने के बारे में बात कर सकते हैं। वहीं, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के माध्यम से पेंशन हासिल करने वाली वीर नारियां बोर्ड के अधिकारियों से फोन पर बात कर सकती हैं। उनकी टेलीफोन काल को जीवित प्रमाणपत्र मानने हुए उनकी पेंशन को जारी रखा जाएगा। लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि पूर्व सैनिकों व वीर नारियों को संबंधित अधिकारियों के फोन नंबर भी उपलब्ध करवाए गए हैं।


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