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पूर्व एडमिरल ने उठाए विक्रमादित्य की देरी पर सवाल

देहरादून। पूर्व एडमिरल डीके जोशी ने रक्षा मंत्रालय की मौजूदा नीति पर सवाल खड़े किए। शनिवार को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में शामिल होने आए पूर्व नौसेना अध्यक्ष जोशी ने कहा कि आइएनएस विक्रमादित्य को विलंब से नौसेना के बेड़े में शामिल करना बड़ी नीतिगत खामी है। जिस युद्धक पोत आइएनएस को शनिवार को नौसेन

By Edited By: Published: Sat, 14 Jun 2014 06:50 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jun 2014 06:50 PM (IST)
पूर्व एडमिरल ने उठाए विक्रमादित्य की देरी पर सवाल

देहरादून। पूर्व एडमिरल डीके जोशी ने रक्षा मंत्रालय की मौजूदा नीति पर सवाल खड़े किए। शनिवार को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में शामिल होने आए पूर्व नौसेना अध्यक्ष जोशी ने कहा कि आइएनएस विक्रमादित्य को विलंब से नौसेना के बेड़े में शामिल करना बड़ी नीतिगत खामी है। जिस युद्धक पोत आइएनएस को शनिवार को नौसेना के सिपुर्द किया गया, वह कदम यदि पांच-सात साल पहले होता तो निश्चित ही देश की ताकत में और इजाफा हो जाता। डीके जोशी ने सरकार को इस तरह के निर्णय में तेजी लाने की नसीहत भी दी।

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पूर्व एडमिरल ने पत्रकारों से मुखातिब होकर कहा कि यदि नौसेना को समुद्री क्षेत्र में अपनी ताकत का विस्तार करना है तो मंत्रालय को रक्षा सौदों पर त्वरित गति से निर्णय करना होगा। हालांकि, अपने इस्तीफे से जुड़े सवालों के जवाब देने से वे बचते रहे। डीके जोशी से जब नौसेना के युद्धक पोतों में हुए धमाकों के बाद आए पूर्व एडमिरल विष्णु भागवत के बयानों पर राय पूछी गई तो उन्होंने जवाब देने से इन्कार कर दिया। तब विष्णु भागवत ने कहा था कि डीके जोशी बेहद ईमानदार अफसर हैं, इसीलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं। ये हादसे नहीं-बल्कि देश की नौसेना को कमजोर करने की साजिश है।

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