पूर्व सीजेआइ दत्तू ने की कोलेजियम की वकालत
पूर्व सीजेआइ ने उद्योग चैंबर सीआइआइ की ओर से आयोजित कार्यक्रम से इतर कोलेजियम को अपना समर्थन दिया।
मुंबई, प्रेट्र। पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एचएल दत्तू ने दो दशक पुरानी कोलेजियम व्यवस्था का खुलकर समर्थन किया है। दत्तू ने जजों द्वारा जजों की नियुक्ति को सबसे बेहतरीन प्रणाली करार दिया है। कोलेजियम प्रणाली को लेकर सरकार और न्यायपालिका आमने-सामने हैं।
पूर्व सीजेआइ ने उद्योग चैंबर सीआइआइ की ओर से आयोजित कार्यक्रम से इतर कोलेजियम को अपना समर्थन दिया। दत्तू ने कहा कि कोलेजियम में जजों को यह पता होता है कि वह किसे नियुक्त कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया संगठनों का उदाहरण देते हुए कहा कि एक संपादक जानता है कि कौन सा रिपोर्टर काम कर सकता है? यही स्थिति न्यायिक नियुक्तियों में भी है। कोलेजियम प्रणाली के तहत मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट के जजों की समिति जजों को नियुक्त करने की सिफारिश करती है।
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केंद्र ने इसकी जगह राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का गठन किया था। संसद ने एनजेएसी कानून और संविधान संशोधन अधिनियम, 2014 को पारित किया था। अप्रैल, 2015 में यह अमल में आ गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर, 2015 में इस कानून को असंवैधानिक करार देते हुए कोलेजियम व्यवस्था को फिर बहाल कर दिया था।
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