पाकिस्तान को FATF में ब्लैकलिस्ट करने में काम आएंगे ये सबूत, NIA ने पेश की चार्जशीट
एनआइए की चार्जशीट में वॉयस मैसेज की पुष्टि के लिए उमर फारूख के दो बैंक एकाउंट में जमा कराए गए 10.4 लाख रुपये की रसीद भी मौजूद है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बैंकिंग चैनल से पुलवामा में आतंकी हमले के लिए फंडिंग के सबूत एफएटीएफ में पाकिस्तान के लिए भारी पड़ सकते हैं। एनआइए ने इन सबूतों को अपनी चार्जशीट के साथ अदालत में पेश किया है। अब भारत सरकार इन्हें पाकिस्तान से हो रहे टेरर फंडिंग के सबूत के रूप में एफएटीएफ के सामने पेश करने जा रही है। एनआइए के अनुसार, आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान के दो बैंक एकाउंट में 10.4 लाख रुपये जमा कराए गए थे, जिनमें से 5.7 लाख रुपये हमले में इस्तेमाल कार और विस्फोटक खरीदने में किया गया था।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान से हुई फंडिंग के इतने पुख्ता सबूत है कि इससे नकारना किसी के लिए आसान नहीं होगा। आतंकी मोहम्मद उमर फारूख ने हमले की तैयारियों के लिए अपने अब्दुल राउफ असगर और अम्मार अलवी से बात की थी। बातचीत वॉयस मैसेज के जरिये की गई थी। एनआइए ने फारेंसिक जांच की रिपोर्ट भी लगाई है, जिसमें तीनों की आवाज की पुष्टि हुई है। ये वॉयस मैसेज हमले के एक महीने बाद मारे गए मोहम्मद उमर फारूख के मोबाइल से बरामद किये गए थे। उमर फारूख असल में राउफ असगर का भतीजा है।
एनआइए की चार्जशीट में वॉयस मैसेज की पुष्टि के लिए उमर फारूख के दो बैंक एकाउंट में जमा कराए गए 10.4 लाख रुपये की रसीद भी मौजूद है। पांच बार में ये रुपये पेशावर के मीजान बैंक और खैबर एजेंसी के एलायड बैंक में जमा कराये गए थे। एनआइए ने बैंक में जमा किये गए इन रुपये के भारत पहुंचने और आतंकी हमले में इनके इस्तेमाल की पूरी कड़ी खोज निकाली है। यहां तक अमेजन की मदद से हमले में इस्तेमाल किये गए अमोनियम नाइट्रेट खरीदने वालों की पहचान भी हो चुकी है।