अब हर किसी की होगी डायबिटीज, बीपी और कैंसर की मुफ्त जांच
सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है जिसमें 30 साल से ज्यादा की उम्र के सभी लोगों की डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कैंसर की मुफ्त जांच हो सकेगी।
नई दिल्ली, (मुकेश केजरीवाल)। सरकार की योजना रंग लाई तो जल्दी ही 30 की दहलीज पार चुके सभी लोगों की डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कैंसर की मुफ्त जांच हो सकेगी। अब तक सरकारी अस्पतालों या स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीजों की ही ऐसी जांच करने का प्रावधान था। लेकिन अब इसे 'स्वस्थ' लोगों तक भी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए धन का प्रावधान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गैर संक्रामक रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए इससे लड़ने के लिए कई तरह की तैयारियां की हैं। इसी के तहत अब तय किया गया है कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों की मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप और कैंसर की जांच की जाए। इसके तहत स्तन, बच्चेदानी और मुंह के कैंसर की प्राथमिक स्तर की जांच होगी। जिनमें संदिग्ध पाए जाने पर उन्हें आगे की जांच के लिए रैफर किया जाएगा।
अब तक यह प्रावधान था कि किसी बीमारी की वजह से सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए अलग से एनसीडी (गैर संक्रामक रोग) क्लीनिक चला कर उनकी यह जांच की जाएंगी। लेकिन अब इस नीति में बदलाव कर उन लोगों की भी जांच की जाएगी, जो खुद को स्वस्थ मान रहे हों। देश भर में इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार कर लिए गए हैं। इन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा बुधवार को एक कार्यक्रम में जारी करेंगे।
आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम नर्स और डॉक्टर इसकी जांच के साथ ही उन्हें सही सलाह और काउंसलिंग दे सकें इसके लिए प्रशिक्षण मैनुअल भी तैयार कर लिया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर जरूरी तैयारियों के साथ ही इनको मध्य और उच्च स्तर के अस्पतालों से जोड़ने की भी व्यवस्था भी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि एनएचएम के तहत इसका प्रावधान किया जा रहा है। इसके बाद राज्य अपने प्रस्तावों में इसे शामिल कर सकेंगे।
ये कहते हैं कि सभी राज्यों को कहा गया है कि 'जल्द से जल्द इसके तहत 30 से ज्यादा उम्र के देश के सभी लोगों को कवर किया जाना है।' लेकिन यह राज्यों पर निर्भर करेगा कि वे कितनी जल्दी और किस स्तर पर इसे शुरू करते हैं। केंद्र ने एनएचएम के तहत पहले वर्ष में इसके लिए 200 से 250 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया है। मंत्रालय ने इसके साथ ही गैर संक्रामक रोगों के खिलाफ एक विशेष जागरुकता अभियान की योजना भी बनाई है। बुधवार को ही 'चलो बनाएं स्वस्थ्य भारत' के नाम से टीवी, रेडियो और प्रिंट मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस अभियान की शुरुआत की जाएगी।