दुनिया में हर तीसरा व्यक्ति कुपोषित
दुनिया में कुपोषण की स्थिति को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर तीन में से एक व्यक्ति कुपोषित है।
नई दिल्ली। दुनिया में कुपोषण की स्थिति को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर तीन में से एक व्यक्ति कुपोषित है। इतना ही नहीं, कुपोषण की समस्या दुनिया के हर देश में है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पैसा, क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसके निवारण के लिए उपलब्ध नीतियों का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पोषण परिवर्तन का कारक हो सकता है और विकास के रास्ते का बाधक भी। कुपोषण के हर स्वरूप को खत्म करने के लिए हर देश के नेतृत्व को कदम उठाने होंगे। संस्था के वरिष्ठ शोधार्थी लॉरेंस हदाद ने कहा कि जब हमारे बीच का हर तीसरा व्यक्ति पीछे रह जाएगा तो एक परिवार के रूप में, समुदाय के रूप में और देश के रूप में हम आगे नहीं बढ़ सकते। हदाद ने कहा कि कुपोषण से निजात पाए बिना व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता के आसपास भी नहीं पहुंच सकता।
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उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रभावित व्यक्ति के जीवन का जोखिम नहीं है बल्कि इससे आर्थिक प्रगति और सतत विकास भी प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि कुपोषण से निपटने के लिए लगाया गया एक रुपया अर्थव्यवस्था में 16 रुपये का फायदा करा सकता है। इस रिपोर्ट के सह-लेखक कोरिना हॉक्स ने कहा कि आमतौर पर कुपोषण को लोग भूख से जुड़ा मसला मानते हैं जबकि इसके कई रूप हैं और यह अमीर-गरीब, हर देश की परेशानी है। बहुत पतला होना और मोटापा दोनों कुपोषण के रूप हैं।