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एनआरआई विवाह विवाद को लेकर मोदी सरकार गंभीर, लेखा-जोखा रखेगा पोर्टल

महिलाओं के हितों और सुरक्षा के लिए किये गए इन कामों की जानकारी बुधवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अपने मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए दीं।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 09:28 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 09:28 PM (IST)
एनआरआई विवाह विवाद को लेकर मोदी सरकार गंभीर, लेखा-जोखा रखेगा पोर्टल
एनआरआई विवाह विवाद को लेकर मोदी सरकार गंभीर, लेखा-जोखा रखेगा पोर्टल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एनआरआई विवाह विवाद को लेकर सरकार गंभीर है और ऐसे मामलों में पीड़ित पत्नी की मदद के लिए हर संभव उपाय किये जा रहे हैं। इस दिशा में सरकार एक पोर्टल तैयार कर रही है, जिसमें देश भर की सभी एनआरआइ शादियों का लेखाजोखा दर्ज होगा। इसके अलावा पत्नियों को सताने के आरोपी कानून से भाग रहे एनआरआइ पतियों के परिवार की संपत्ति मुकदमा लंबित रहने तक अलग एस्क्रो एकाउंट में रखने पर भी विचार चल रहा है।

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महिलाओं के हितों और सुरक्षा के लिए किये गए इन कामों की जानकारी बुधवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अपने मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए दीं। उन्होंने कहा कि दो पोर्टल तैयार किये जा रहे हैं। एक उनका मंत्रालय तैयार कर रहा है, जिसमें सभी एनआरआइ शादियों का ब्योरा होगा। किसी भी एनआरआइ के लिए शादी के 48 घंटों के भीतर शादी का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके बाद मैरिज रजिस्ट्रार उसका ब्योरा मंत्रालय के पोर्टल को देगा। इसके अलावा एक पोर्टल विदेश मंत्रालय बना रहा है जिस पर सम्मन डाल कर तामील मान लिये जाने पर विचार चल रहा है।

हालांकि अभी ये दोनों पोर्टल चालू नहीं हुए हैं, क्योंकि इसमें कानून की पेचीदगियां शामिल हैं जिस पर कानून मंत्रालय विचार कर रहा है। इस बारे में विचार विमर्श के लिए महिला एवं बाल विकास, विदेश और कानून मंत्रालय की 11 जून को बैठक होनी है। पोर्टल के अलावा इस पर भी विचार चल रहा है कि कानूनी प्रक्रिया को धता बताने वाले और देश वापस नहीं लौट रहे आरोपी एनआरआइ के परिवार की संपत्ति मामला कोर्ट में लंबित रहने तक अलग एस्क्रो एकाउंट में रखी जाए और उसे बेचने या खत्म करने पर रोक रहे। हालांकि इस प्रस्ताव पर लोगों की अलग अलग राय है। ये सारी चीजें कानून में संशोधन से जुड़ी हैं जिस पर विस्तृत विचार विमर्श होना है। उन्होंने महिला और बाल सुरक्षा के लिए चार साल में किये गए उपायों का ब्योरा दिया।

दहेज के खिलाफ भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजना लानी होगी
मेनका गांधी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को सामाजिक सोच बदलने वाली सफल योजना बताते हुए कहा कि दहेज कुप्रथा के खिलाफ इतने दिनों से प्रयास चल रहा है, लेकिन इस तरह की सफलता उसमें नहीं मिली। दहेज प्रथा के खिलाफ भी सामाजिक सोच बदलने वाला ऐसा कोई नया आइडिया लाना होगा।

टैक्सियों में खत्म होगा सेन्ट्रल लॉकिंग सिस्टम
मेनका गांधी ने बताया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टैक्सियों में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम खत्म किया जाएगा, ताकि कोई टैक्सी ड्राइवर सेन्ट्रल लाक करके महिला सवारी का यौन उत्पीड़न न कर सके और महिला गेट खोल कर भाग सके। इसके अलावा इस पर भी विचार चल रहा है कि शेयरिंग टैक्सी में अगर महिला सवारी शेयर करने को तैयार नहीं है तो टैक्सी ड्राइवर दूसरी सवारी को नही बैठा सकता।


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