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कभी नक्सलियों के चलते छोड़ा था गांव, उसी परिवार का बेटा फुटबॉल में बना रहा अपनी पहचान

रामकृष्ण मिशन आश्रम में बारहवीं में अध्ययनरत सुरेश कुमार ध्रुव ने कानपुर में हुए ट्रायल में सेलेक्ट हो कर इंडिया कैंप के लिए अपनी जगह पक्की की है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 08:50 PM (IST)
कभी नक्सलियों के चलते छोड़ा था गांव, उसी परिवार का बेटा फुटबॉल में बना रहा अपनी पहचान
कभी नक्सलियों के चलते छोड़ा था गांव, उसी परिवार का बेटा फुटबॉल में बना रहा अपनी पहचान

नारायणपुर, नईदुनिया। अबूझमाड़ के नक्सल पीड़ित परिवार के युवा खिलाड़ी का चयन इंडिया कैंप में हुआ है। रामकृष्ण मिशन आश्रम में बारहवीं में अध्ययनरत सुरेश कुमार ध्रुव ने कानपुर में हुए ट्रायल में सेलेक्ट हो कर इंडिया कैंप के लिए अपनी जगह पक्की की है। छत्तीसगढ़ से रायपुर, धमतरी और कोरिया के तीन खिलाड़ियों के साथ रामकृष्ण मिशन आश्रम के तीन खिलाड़ी ट्रायल में शामिल हुए थे।

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इंडिया कैंप में सेलेक्ट होने वाले 34 खिलाड़ियों में सुरेश भी शामिल हैं। वहां ट्रायल में 20 खिलाड़ियों का चयन भारतीय टीम के लिए होगा। नईदुनिया से चर्चा में सुरेश ने बताया कि उनके परिवार को नक्सलियों ने गांव से भगा दिया गया है। पिता मुरेन्द्र कुमार ध्रुव खेती-किसानी का काम करते हैं। महज एक एकड़ खेत से परिवार का गुजारा हो रहा है। बड़े भाई बीएसएफ में हैं। सुरेश ने बताया कि अपने खेल में निखार लाने के लिए वे आश्रम में सुबह-शाम चार घंटे अभ्यास करते हैं है। बचपन से फुटबाल के प्रति लगाव रखने वाले सुरेश स्टॉपर की पोजीशन में खेलते हैं।

खेल के साथ पढ़ाई में भी आगे

सुरेश खेल के साथ पढ़ाई में भी आगे हैं। दसवीं बोर्ड परीक्षा में 62 फीसदी अंकों के साथ प्रथम स्थान ला चुके हैं। खेती-किसानी में पिता का हाथ बंटाने के लिए वे कृषि विषय के साथ आगे की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी तमन्न्ा भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने की है। सुरेश तीन बार नेशनल खेलने के साथ एक बार सुब्रतो कप में हिस्सा ले चुके हैं।

सुनील छेत्री और रोनाल्डो को मानते हैं आदर्श

कोच हनुमंत राव और लोचन बघेल के मार्गदर्शन में आश्रम के खिलाड़ी नियमित अभ्यास करते हैं, जिसकी निगरानी सचिव स्वामी व्याप्तानंद महाराज और स्वामी असीम महाराज करते हैं। सुरेश भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री और पुर्तगाल के रोनाल्डो को अपना आदर्श मानते हैं।

खिलाड़ियों को तराश रहा रामकृष्ण मिशन आश्रम

रामकृष्ण मिशन आश्रम के बच्चे पढ़ाई के साथ खेल में भी आगे आ रहे हैं। हर साल यहां से कई बच्चे स्टेट और नेशनल लेवल पर हिस्सा लेकर अबूझमाड़ का नाम रोशन कर रहे हैं। आश्रम में फुटबाल, व्हालीबाल, खो-खो, मलखंब, बास्केटबाल, बैडमिंटन, बाक्सिंग, टेबल टेनिस को काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्वामी असीम महाराज के मुताबिक हर साल दो दर्जन बच्चे बाहर खेलने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में आश्रम के बच्चों ने सुब्रतो कप में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन कर कप पर कब्जा जमाया है।  


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