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कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी ग्वालियर में प्रधान आरक्षक पुलिस की कोरोना से मौत

कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के दो माह बाद मध्य प्रदेश के ग्वालियर के कंपू थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला की कोरोना से बुधवार को मौत हो गई। डाॅक्टर का कहना है कि मौत का कारण हैप्पी हाइपोक्सिया लगता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 11:56 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 11:56 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी ग्वालियर में प्रधान आरक्षक पुलिस की कोरोना से मौत
फेफड़ों में संक्रमण के कारण गिरता गया ऑक्सीजन का स्तर।

ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के दो माह बाद मध्य प्रदेश के ग्वालियर के कंपू थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक रामकुमार शुक्ला की कोरोना से बुधवार को मौत हो गई। डाॅक्टर का कहना है कि मौत का कारण हैप्पी हाइपोक्सिया (इसमें मरीज को लगता है कि उसका ऑक्सीजन स्तर ठीक है, जबकि ऑक्सीजन स्तर खतरनाक रूप से कम हो जाता है) हो सकता है।

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मरीज के फेफड़ों में संक्रमण था

मरीज के फेफड़ों में संक्रमण था, जिसके चलते उन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन पर 20 लीटर ऑक्सीजन दी जा रही थी। बुधवार सुबह करीब 10 बजे अचानक ऑक्सीजन स्तर गिरा और मौत हो गई।

मध्यप्रदेश में पहला मामला: वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद कोरोना से मौत

वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद कोरोना से मौत होने का यह मध्य प्रदेश में पहला मामला है। फ्रंटलाइनर रामकुमार शुक्ला ने कोरोना वैक्सीन का पहला डोज 13 फरवरी और दूसरा डोज 28 मार्च को लगवाया था। दो डोज लगने के बाद शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी तैयार हो जाती है।

दोनों डोज के बाद भी फेफड़ों पर वायरस ने प्रभाव डाला

अब तक ऐसा देखा गया था कि दो डोज लगने के बाद व्यक्ति संक्रमण का शिकार तो हुआ मगर वायरस उसके फेफड़ों पर अधिक प्रभाव नहीं दिखा सका, लेकिन वैक्सीन के दोनों डोज के बाद भी रामकुमार शुक्ला के फेफड़ों पर वायरस ने प्रभाव डाला।

खांसी से हुई शुरुआत

रामकुमार के बेटे पवन का कहना है कि 11 दिन पहले उन्हें खांसी हुई तो एक निजी डाॅक्टर से इलाज लिया। फायदा नहीं मिला तो तीन मई को आरटीपीसीआर जांच करवाई, जो निगेटिव आई। पांच मई को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल गए, जहां रैपिड एंटीजन रिपोर्ट पाजिटिव आने पर सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती कर लिया गया।

सिम्स अस्पताल में मौत

तीन दिन में भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हुआ तो निजी अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 11 मई तक इलाज चला। इस बीच उनकी आंखों में सूजन आ गई। डाॅक्टर ने दवाओं के हाई डोज को सूजन का कारण बताया। स्वास्थ्य अधिक खराब होता देख पुलिस की मदद से डिस्चार्ज करवाकर उन्हें सिम्स अस्पताल में भर्ती किया, जहां बुधवार को उनकी मौत हो गई।

फेफड़ों में संक्रमण के कारण ऑक्सीजन स्तर काफी कम था

फेफड़ों में संक्रमण के कारण शुक्ला का ऑक्सीजन स्तर काफी कम था। बुधवार सुबह अचानक ऑक्सीजन स्तर गिरा और उनकी मौत हो गई। इसे हैप्पी हाइपोक्सिया से मौत होना कहा जा सकता है- डाॅ. अनुराग सिकरवार, शुक्ला का इलाज करने वाले डाॅक्टर, सिम्स अस्पताल, ग्वालियर।


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