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उद्यमियों को आसानी से मिलेगा ब्रिटिश वीजा

इसकी घोषणा भारत की यात्रा पर आई पीएम थेरेसा मे भारतीय व ब्रिटिश उद्यमियों के एक सम्मेलन में की।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 07 Nov 2016 08:43 PM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2016 08:54 PM (IST)
उद्यमियों को आसानी से मिलेगा ब्रिटिश वीजा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । भारत के साथ कारोबारी रिश्ते को मजबूत करने में जुटे ब्रिटेन ने सोमवार को एक अहम कदम उठाते हुए भारतीय उद्यमियों को आसानी से वीजा देने की स्कीम का ऐलान किया है। इसके लिए ब्रिटेन में कारोबार के उद्देश्य से जाने वाले भारतीयों को बहुत ही आसानी से वीजा मिलेगा और उन्हें वहां ज्यादा दिनों तक रहने व कुछ अन्य सुविधा उठाने का भी मौका मिलेगा।

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इसकी घोषणा भारत की यात्रा पर आई पीएम थेरेसा मे भारतीय व ब्रिटिश उद्यमियों के एक सम्मेलन में की। दरअसल, ब्रिटेन की तरफ से दो ऐसे स्कीमों का ऐलान किया गया है जिससे भारतीय उद्यमियों को वहां के लिए वीजा मिलने में आसानी होगी। मजेदार बात यह है कि इस घोषणा से कुछ ही देर पहले पीएम मोदी ने उनसे ब्रिटेन की कड़ी वीजा नीति और इससे भारतीयों को हो रही दिक्कतों का जिक्र किया था।

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दूसरी स्कीम के तहत भारत सरकार की तरफ से नामित उद्यमियों को ब्रिटेन आसानी से वीजा देगा। ब्रिटेन की एक स्कीम है ग्रेट कल्ब। इसका फायदा जिन्हें मिलेगा उन्हें वीजा के साथ ही आसानी से एयरपोर्ट से बाहर निकलने की भी सुविधा होगी। ब्रिटिश पीएम ने कहा कि 'हम पहली बार किसी देश के लिए इस तरह की स्कीम लाने जा रहे हैं जिनसे उन्हें वीजा मिलने में आसानी होगी। इसका नाम रजिस्टर्ड ट्रेवलर स्कीम होगा। जो भारतीय ब्रिटेन बार बार जाते हैं या जो वहां आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं उन्हें आसानी से वीजा मिला करेगा। इनके लिए वीजा फार्म भरना भी सरल होगा और इन्हें यूरोपीय यूनियन के लिए वीजा लेने की प्रक्रिया भी आसान होगी। '

इस तरह की सुविधा ब्रिटेन ने कुछ खास देशों मसलन कोरिया और जापान के नागरिकों को दे रखी है। इन देशों के नागरिकों को ब्रिटेन जाने के लिए वीजा लेने की भी जरुरत नहीं होती। लेकिन भारत ऐसा पहला देश हो गया है जिसके कुछ नागरिकों को ब्रिटेन ने यह सुविधा देने का फैसला किया है। थेरेसा मे ने इस बात से इनकार किया कि ब्रिटेन भारतीय छात्रों को वीजा देने में आनाकानी कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी भी छात्र वीजा के लिए 10 आवेदन में से नौ को स्वीकृति दी जा रही है। वैसे बताते चले कि ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या पिछले पांच वर्षो में 40 हजार से घट कर 20 हजार रह गई है।

यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबारी रिश्ते को बढ़ाने के लिए काफी कोशिश कर रहा है। ईयू से बाहर निकलने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही ब्रिटेन भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता भी करना चाहता है। आज दोनो देशों के पीएम के साथ उद्यमियों की बैठक में कई बार इसकी मांग की गई। दोनो देशों ने कारोबारी रिश्ते को नई दिशा देने के लिए एक संयुक्त कार्य दल बनाने का भी ऐलान किया है। ईयू से ब्रिटेन से बाहर निकलने के बाद किस तरह से द्विपक्षीय कारोबारी रिश्ते को मजबूत बनाया जाए, इस विषय पर यह कार्य दल अपनी सिफारिशें देगा।

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