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कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कानूनी शिकंजा करने के लिए पर्याप्त सबूत

पीएमएलए प्राधिकरण के आदेश के अनुसार अभियुक्त (कार्ति और अन्य) के खिलाफ इस अपराध के पर्याप्त सुबूत हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 07:39 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 07:39 PM (IST)
कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कानूनी शिकंजा करने के लिए पर्याप्त सबूत
कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कानूनी शिकंजा करने के लिए पर्याप्त सबूत

नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और उसकी कंपनी के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) प्राधिकरण के मुताबिक, उसके खिलाफ इतने अहम सुबूत हैं कि एयरसेल-मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में कार्ति और उसकी कंपनी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखी जाए।

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अ‌र्द्ध न्यायिक प्रकृति के पीएमएलए प्राधिकरण के लिखित नतीजे के बाद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्ति चिदंबरम और उनकी कंपनी की 1.16 करोड़ की संपत्ति जब्त की। पीएमएलए के अ‌र्द्ध न्यायिक प्राधिकरण (कानून) के सदस्य तुषार वी. शाह की ओर से हाल में जारी 171 पेज के आदेश में कहा कि अभियुक्त कार्ति चिदंबरम और उससे जुड़ी आरोपित कंपनी (एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड) और अन्य यह साबित करने में नाकाम रहे कि जब्त की जाने वाली संपत्ति मनी लांड्रिंग से अर्जित नहीं है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कानूनी प्रावधान के तहत कार्ति और अप्रत्यक्ष रूप से उसके नियंत्रण वाली कंपनी के फिक्स्ड डिपाजिट (एफडी) और बैंक में अन्य जमा राशि को पिछले साल सितंबर में अटैच कर लिया था। हाल ही में प्राधिकरण ने इस बात की पुष्टि की है। प्रवर्तन निदेशालय अब चेन्नई की बैंक शाखा में जमा कुल 1,16,09,380 रुपये मूल्य के एफडी और अन्य जमा राशि को अपने कब्जे में लेने जा रहा है।

अ‌र्द्ध न्यायिक प्राधिकरण ने कहा कि कार्ति और उससे जुड़ी कंपनी पर लगे आरोप निराधार और दुर्भावना से प्रेरित नहीं है। प्राधिकरण ने बचाव पक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि अगर जांच अधिकारी संपत्ति जब्त नहीं करते तो यह सारी कार्रवाई गुप्त रहती। इसलिए अगर कार्रवाई का तार्किक आधार है तो वह उचित है या नहीं यह कोर्ट देखेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा मामले में तार्किक संबद्धता है।

पीएमएलए प्राधिकरण के आदेश के अनुसार अभियुक्त (कार्ति और अन्य) के खिलाफ इस अपराध के पर्याप्त सुबूत हैं। जब्त की गई सारी संपत्ति मनी लांड्रिंग के अपराध से अर्जित है। अ‌र्द्ध न्यायिक प्राधिकरण में मामले के जांच अधिकारी (ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह) का भी कहना है कि संबद्ध आदेश में अपराध किस तरह हुआ शुरू हुआ और उसके जारी रहने की पूरी प्रक्रिया का ब्योरा है।


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