बीपीओ उद्योग में खत्म हुआ अंग्रेजी का दबदबा
इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत देश के 61 शहरों में खुले बीपीओ ने तेरह भारतीय भाषाओं में भी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये हैं।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के उपायों के तहत बीपीओ उद्योग को प्रोत्साहित करने की नीति के परिणाम दिखने लगे हैं। बीपीओ उद्योग में काम करने के लिए युवा अब केवल अंग्रेजी पर निर्भर नहीं है। इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत देश के 61 शहरों में खुले बीपीओ ने तेरह भारतीय भाषाओं में भी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये हैं।
इस स्कीम के तहत पहले चार दौर की निविदा प्रक्ति्रया में 21 राज्यों के 61 शहरों में 18160 सीटों का आवंटन किया गया है। इनमें से 13780 सीटों वाले बीपीओ शुरू भी हो गये हैं। इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि इसकी वजह से घरेलू बीपीओ उद्योग में अंग्रेजी और अन्य विदेशी भाषाओं के अतिरिक्त भारतीय भाषाओं में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। आज की तारीख में इन सभी बीपीओ में अंग्रेजी, स्पैनिश और अरबी के अतिरिक्त हिंदी, उडि़या, तमिल, गुजराती, मराठी, तेलुगू, कन्नड, बंगाली, मलयालम, कश्मीरी, उर्दू, राजस्थानी और पंजाबी भाषा जानने वाले युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध हो रहा है।
इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम का मकसद देश के छोटे और मझौले शहरों तक बीपीओ उद्योग को लेकर जाना है। चार दौर में खुले 109 बीपीओ में अब तक 79 में कामकाज शुरु हो चुका है जिनमें 10968 युवाओं को रोजगार मिल चुका है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इनमें करीब 40 फीसद महिलाएं हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा, 'छोटे शहरों के युवाओं से मैं जब भी मिलता था उनका यही कहना होता था कि उन्हें उनकी भाषा और उनके शहर में नौकरी कैसे मिलेगी। इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत हमने इसी लक्ष्य को अपनी चुनौती बनाया।
आज नतीजा दिखने लगा है।' इस स्कीम के तहत पांचवे दौर की निविदा के नतीजे भी आ गए हैं। इसके तहत 57 कंपनियों ने 13822 सीटों के लिए बोली लगायी थी। इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम म सरकार ने कुल 48300 सीट आवंटित करने का लक्ष्य रखा है। चौथे दौर तक 87 कंपनियां इसमें बोली लगा चुकी थी। इन कंपनियों में टीसीएस समेत कई कंपनियां शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के उपक्त्रम सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया ने 493 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता से इस स्कीम की शुरुआत की थी। सरकार का लक्ष्य इसके जरिेए देश में डेढ़ लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर और अच्छी संख्या में अपरोक्ष अवसर उपलब्ध कराने का है। इस स्कीम के तहत बीपीओ इकाई लगाने के लिए सरकार प्रति सीट एक लाख रुपये की सब्सिडी देती है। कंपनियों को महिलाओं, दिव्यांगजन को नौकरी देने पर विशेष इंसेंटिव देने का प्रावधान भी इस स्कीम में है।
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