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सेना प्रमुख ने कहा- विभिन्न देशों के साथ आपसी भागीदारी का रिश्ता

सेना प्रमुख ने कहा- महासागरों में नेविगेशन की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए हम उनके (प्रशांत शक्तियों) साथ हिस्सेदारी में शामिल है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 11:38 AM (IST)
सेना प्रमुख ने कहा- विभिन्न देशों के साथ आपसी भागीदारी का रिश्ता
सेना प्रमुख ने कहा- विभिन्न देशों के साथ आपसी भागीदारी का रिश्ता

नई दिल्ली (एएनआइ)। सेना प्रमुख बिपिन रावत का कहना है कि प्रशांत शक्तियों के साथ भागीदारी नेविगेशन की स्वतंत्रता के लिए है। उन्होंने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत का एक साथ आना गठबंधन नहीं है, लेकिन नेविगेशन की स्वतंत्रता के लिए भागीदारी है। मंगलावर को केंद्रीय सचिवालय के दक्षिण ब्लॉक में मुंबई के गवर्नमेंट लॉ स्कूल के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। जनरल ने कहा, ' हम गुट निरपेक्ष आंदोलन के मूल संस्थापक थे। गठबंधनों के बजाय हमारी विभिन्न देशों के साथ आपसी भागेदारी का रिश्ता है।

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जनरल रावत ने उन छात्राओं से मुलाकात की, जिन्होंने प्रशांत शक्तियों के साथ रणनीतिक साझेदारी को लेकर उनके सवाल किए। छात्राओं के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'महासागरों में नेविगेशन की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए हम उनके (प्रशांत शक्तियों) साथ हिस्सेदारी में शामिल है। उन्होंने बताया हिंद मासागर में 70 फीसद विश्व का व्यापार का आयात-निर्यात हो रहा है।

साल 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, अमेरिका के उपराष्ट्रपति डिक चेनी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच हुई अनौपचारिक सुरक्षा वार्ता के बाद यह साझेदारी शुरू हुई थी।


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