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ईडी के पास पीएफआइ और भीम आर्मी के संबंधों के पुख्ता सुबूत, सीएए के खिलाफ आंदोलन भड़काने में है भूमिका

ईडी ने कहा है कि वह जांच के सिलसिले में जल्द ही संदिग्धों से फिर पूछताछ कर सकती है। एजेंसी ने बताया है कि जांच में उसे पीएफआइ के पदाधिकारियों की भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के साथ मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के सुबूत मिले हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:36 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:36 PM (IST)
ईडी के पास पीएफआइ और भीम आर्मी के संबंधों के पुख्ता सुबूत, सीएए के खिलाफ आंदोलन भड़काने में है भूमिका
ईडी सीएए के विरोध प्रदर्शनों में गैरकानूनी धन के इस्तेमाल के आरोपों की भी जांच कर रही है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ED) सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को हवा देने वाले पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और भीम आर्मी के बीच संबंधों की जांच कर रहा है। इन दोनों के बीच धन का लेन-देन होने के सुबूत मिले हैं। यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को दी। ईडी सीएए के विरोध प्रदर्शनों में देश से बाहर से आए धन के इस्तेमाल के आरोपों की भी जांच कर रही है।

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ईडी ने कहा है कि वह जांच के सिलसिले में जल्द ही संदिग्धों से फिर पूछताछ कर सकती है। एजेंसी ने बताया है कि जांच में उसे पीएफआइ के पदाधिकारियों की भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के साथ मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के सुबूत मिले हैं। इस बातचीत का विवरण जानने के लिए वह फिर से पूछताछ कर सकती है। ईडी ने ट्वीट किया है कि पीएफआइ और भीम आर्मी के बीच धन का लेन-देन होने के उसके पास पुख्ता सुबूत हैं। एजेंसी की ओर से यह ट्वीट उस न्यूज रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि ईडी को अपनी जांच में पीएफआइ और भीम आर्मी के बीच कोई संबंध नहीं मिला है। जबकि पीएफआइ ने कोई भी गलत कार्य करने से इन्कार किया है और भीम आर्मी ने हर तरह की जांच के लिए तैयार होने की बात कही है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दोनों संगठनों के पदाधिकारियों के बीच बातचीत दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ आंदोलन के दौरान हुई थी। ईडी के पास इसके पुख्ता सुबूत हैं।

हाथरस मामले पर भी पीएफआई और भीम आर्मी से जुड़े तार

वहीं, दूसरी ओर हाथरस मामले पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया था कि पीएफआई नाम संगठन को विदेशों से रूपये पहुंचाए गए थे। इसके साथ ही पुलिस ने यह भी आरोप लगाया था कि इन्हीं रुपये के माध्यस से पीएफआई को हाथरस में जातीय दंगे भड़काने थे। वहीं, इस पूरे मामले में यूपी पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसे पीएफआई से जुड़ा बताया गया था।


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