ईडी ने एक हजार करोड़ रुपए के हवाला रैकेट से जुड़े घोटाले में दो चीनी नागरिकों को किया गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate ED) ने लगभग एक हजार करोड़ रुपए के कथित हवाला रैकेट से जुड़े घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिल में चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह गिरफ्तारी 15 जनवरी को की...
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) ने लगभग एक हजार करोड़ रुपए के कथित हवाला रैकेट से जुड़े घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिल में चीन के दो नागरिकों को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने चार्ली पेंग उर्फ लुओ सांग (Charlie Peng alias Luo Sang, 42) और कार्टर ली (Carter Lee) को 15 जनवरी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act यानी PMLA) के तहत गिरफ्तार किया।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, आरोपियों को शनिवार को नई दिल्ली स्थित एक अदालत में पेश किया गया जहां से उनको 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है। बताया जाता है कि पिछले साल की एक आयकर विभाग की जांच और साल 2018 में पेंग (Charlie Peng) के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के बाद ईडी की कार्रवाई सामने आई है। पिछले साल हिमाचल प्रदेश में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिए जाने के बाद भी पेंग का नाम उछला था।
रिपोर्ट के मुताबिक, पेंग के कथित निर्देश पर ही उक्त दोनों आरोपी दलाई लामा की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। आयकर विभाग ने बीते अगस्त में चीन के नागरिक और उसके कुछ कथित सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की थी। इसमें बैंकर भी शामिल थे। पेंग के पास एक फर्जी भारतीय पासपोर्ट था। अधिकारियों के मुताबिक, पेंग ने बीते दो-तीन वर्षों के दौरान चीन से हवाला की रकम को इधर उधर करने के लिए शेल कंपनियों का जाल बुना था। वह हवाला के कारोबार को छिपाने के लिए दिखावे का व्यवसाय करता था।
पेंग को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सितंबर 2018 में गिरफ्तार किया था। उस वक्त उस पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगाए गए थे। सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी और आई-टी विभाग दोनों इस आरोपों की जांच कर रहे हैं कि क्या पेंग दिल्ली में रहने वाले कुछ तिब्बतियों को रिश्वत दे रहा था। कुछ चीनी नागरिक और उनके भारतीय सहयोगी भी शेल कंपनियों के जरिए धनशोधन और हवाला लेनदेन में शामिल बताए गए थे। सीबीडीटी के मुताबिक, मामले में विदेशी हवाला लेनदेन का भी खुलासा हुआ है।