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दुश्‍मन हो जाए सावधान! भारत समुद्र में उतारने वाला है INS Khanderi, जानें क्‍यों है इतनी खास

अत्‍याधुनिक तकनीक से लैस आईएनएस खांदेरी इस माह के अंत तक भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगी। इसके बाद भारतीय नौसेना की ताकत भी काफी बढ़ जाएगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 08:32 AM (IST)
दुश्‍मन हो जाए सावधान! भारत समुद्र में उतारने वाला है INS Khanderi, जानें क्‍यों है इतनी खास
दुश्‍मन हो जाए सावधान! भारत समुद्र में उतारने वाला है INS Khanderi, जानें क्‍यों है इतनी खास

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। भारतीय नौसेना को जल्‍द ही आईएनएस खांदेरी (INS Khanderi) की ताकत मिलने वाली है। आईएनएस खांदेरी फ्रांस ऑरिजन की स्‍कॉर्पियन श्रेणी की दूसरी डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन (Scorpene Class diesel-electric Submarine) है। यह भारतीय नौसेना के उस प्रोजेक्ट 75 (Project 75) का हिस्‍सा है, जिसके तहत मझगांंव डॉकयार्ड लिमिटेड फ्रांस के मैसर्स डीसीएनएस के साथ मिलकर छह पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है। आईएनएस खांदेरी को 28 सितंबर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्‍य अतिथि होंगे। इस पनडुब्‍बी को खांदेरी का नाम मराठा बलों के द्वीपीय किले के नाम पर दिया गया है। इसकी 17वीं सदी के अंत में समुद्र में मराठा बलों का सर्वोच्च अधिकार सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका थी।

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प्रोजेक्‍ट 17 A 
इसी दौरान एक युद्ध पोत को भी समुद्र में ट्रायल के लिए उतारा जाएगा। यह युद्ध पोत शिवालिक क्‍लास (Shivalik Class stealth fgigate) का है और प्रोजेक्‍ट 17A (Project 17A) का हिस्‍सा है। प्रोजेक्‍ट 17A के तहत कुल सात युद्ध पोतों का निर्माण होना है। आपको यहां पर बता दें कि प्रोजेक्‍ट 17A के तहत बन रहे युद्धपोत अत्‍याधुनिक राडार सिस्‍टम से लैस हैं। इनसे ब्रह्मोस (Supersonic Cruise Missile Brahmos) और बराक मिसाइल को छोड़ा जा सकता है। इन युद्धपोतों की टॉप स्‍पीड 52 किमी. प्रतिघंटे या 28 नॉट्स है। इन पर दो हेलीकॉप्‍टर (ध्रुव और सीकिंग Mk 42Bs हेलीकॉप्‍टर) उतर सकते हैं।

प्रोजक्‍ट 75
1615 टन वजनी यह INS Khanderi सबमरीन इसी श्रेणी की आईएनएस कलावरी के बाद दूसरी पनडुब्‍बी है। आईएनएस कलावरी (INS Kalvari) को दिसंबर 2017 में नौसेना में शामिल किया गया था। आपको यहां पर बता दें कि स्‍कॉर्पियन सबमरीन प्रोग्राम (Scorpene Submarine Programme) को प्रोजेक्‍ट 75 (Project 75) का नाम दिया गया है। हालांकि यह प्रोग्राम अपने तय समय से करीब पांच साल पीछे चल रहा है। इस पूरे प्रोग्राम पर 25,700 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। आईएनएस खांदेरी के बाद दो और सबमरीन वर्ष 2022-2023 में भारतीय नौसेना में शामिल होंगी। आईएनएस कलावरी के अलावा आईएनएसचक्र और आईएनएस अरिहंत न्‍यूक्लियर पावर सबमरीन (Nuclear Powered Submarine) हैं। जहां तक खांदेरी की बात है तो यह भी तय समय से एक साल के बाद भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली है।  

एक नजर इधर भी
इस सबमरीन की टॉप स्‍पीड करीब 20 नॉट्स की है। इस सबमरीन की खासियत है कि ये दुश्‍मन की निगाह छिपी रह सकती है। यह 1150 फीट (350 मीटर) की गहराई तक जा सकती है। इसमें EXOCETSM 39 मिसाइल और टारपीडो दागने की सुविधा है। EXOCETSM 39 एंटीशिप मिसाइल (Anti Ship Missile) है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 50 किमी की है। यह हवा में कम ऊंचाई पर उड़ते हुए बेहद तेज गति से दुश्‍मन पर मार करती है। 655 किग्रा वजनी यह मिसाइल करीब 4.69 मीटर लंबी है। इसके अलावा इसमें 30 एंटी शिप माइंस भी हैं।

 

भारत नौसेना की मांग 
आईएनएस खांदेरी को इसमें लगे चार MTU 12V 396 SE84 डीजल इंजन से 37 किमी प्रतिघंटे या 20 नॉट्स की ताकत मिलती है। इसके अलावा इसमें 360 बैटरी लगी हैं। यह पनडुब्‍बी 50 दिनों तक समुद्र में रह सकती है। इसमें आठ अधिकारी और 35 सेलर के रहने की व्‍यवस्‍था है। इसमें अत्‍याधुनिक राडार सिस्‍टम लगाया गया है।  आपको बता दें कि भारत को अभी 18 डीजल इलेक्ट्रिक और छह परमाणु पनडुब्बियों की दरकार है। इसके अलावा चार ऐसी परमाणु पनडुब्बियां भी भारत को चाहिए जिनसे लंबी दूरी की बेलेस्टिक मिसाइल को दागा जा सकता है। 

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