छत्तीसगढ़ में नक्सली बताकर ग्रामीण का एनकाउंटर, याचिका पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के ग्राम करका में चार ग्रामीण गाय चराने गए थे। इस दौरान पुलिस ने उनके नक्सली होने का आरोप लगाकर फायरिंग शुरू कर दी। इसे कथित रूप से नक्सली मुठभेड़ का नाम दिया गया।
बिलासपुर, जेएनएन। बीजापुर जिले के ग्राम करका में गाय चराने गए चार ग्रामीणों को नक्सली बताकर पुलिस ने फायरिंग कर दी। इस हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई। इसे फर्जी एनकाउंटर बताते हुए मृतक की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच कराने की मांग की है। प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
बीजापुर जिले के ग्राम करका में चार ग्रामीण गाय चराने गए थे। इस दौरान पुलिस ने उनके नक्सली होने का आरोप लगाकर फायरिंग शुरू कर दी। इसे कथित रूप से नक्सली मुठभेड़ का नाम दिया गया। इस हमले में पुलिस की फायरिंग से समारू मड़कम नाम के ग्रामीण की मौत हो गई। फायरिंग में एक अन्य ग्रामीण की पैर में गोली लगी। जबकि दो ग्रामीण पुलिस के डर से भाग गए, जिसकी पैर में गोली लगी और घायल हुआ उसे पुलिस ने छोड़ दिया। वहीं दो अन्य ग्रामीणों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि मृतक समारू को नक्सली बताकर एनकाउंटर का नाम दिया गया। इस मामले में समारू की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
अधिवक्ता योगेश्वर शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में फर्जी एनकाउंटर के दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है। इसके साथ ही इस फर्जी एनकाउंटर की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की है। हाई कोर्ट के जस्टिस एनके व्यास की एकलपीठ में इस प्रकरण की सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य शासन को मामले से संबंधित केस डायरी चार सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।