पीएचडी के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को मिलाकर बनेगी पात्रता सूची
लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश देने की योजना बनाई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पीएचडी और एमफिल में प्रवेश से जुड़े नियमों में सरकार अब एक और बदलाव की तैयारी में है। इसके तहत इनमें प्रवेश के लिए अकेले इंटरव्यू ही चयन का आधार नहीं बनेगा, बल्कि इसके साथ लिखित परीक्षा के भी अंकों को जोड़कर योग्यता सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार होगी। जिसके आधार पर प्रवेश देने की योजना है।
खासबात यह है कि अभी भी इसमें प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा व इंटरव्यू दोनों ही आयोजित की जाती है, लेकिन लिखित परीक्षा को पास करने के बाद सिर्फ इंटरव्यू तक ही पहुंच सकते है, जबकि प्रवेश के लिए इंटरव्यू में अच्छे नंबर पाना जरूरी है। इस व्यवस्था को लेकर छात्रों के एक बड़े वर्ग में असंतोष है। जिसकी शिकायत भी उन्होंने दर्ज कराई थी। इसके बाद ही सरकार की ओर से इसे लेकर मंथन शुरु किया गया।
छात्रों की शिकायत थी, कि मौजूदा व्यवस्था में लिखित परीक्षा में अच्छे अंक मिलने के बाद भी उन्हें प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। छात्रों ने इंटरव्यू टीम पर भी भेदभाव करने के आरोप लगाए थे।
सूत्रों की मानें तो सरकार ने छात्रों की इन्हीं शिकायतों को देखते हुए इस पूरी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठाया है। इसके तहत लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को जोड़कर मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश देने की योजना बनाई है।
नई व्यवस्था में लिखित परीक्षा के लिए 70 फीसद अंक नियत रहेंगे, जबकि इंटरव्यू के लिए 30 फीसद अंक रहेंगे। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस पूरी योजना को लेकर मंत्रालय और यूजीसी के बीच चर्चा हो चुकी है। दोनों ने ही इस बदलाव को लेकर अपनी सहमति दे दी है। ऐसे में इसे लेकर जल्द ही नया नोटीफिकेशन जारी होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि दो महीने के भीतर ही सरकार एमफिल और पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानदंड और प्रक्रिया विनियम 2018 के नियमों में यह दूसरा बदलाव करने की तैयारी में है। इससे पहले 27 अगस्त 2018 को भी एससी, एसटी और ओबीसी को प्रवेश नियमों में पांच फीसद की छूट देने को लेकर आदेश जारी किए गए थे।