छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों का उत्पात, दो ग्रामीणों को कुचल कर मार डाला
हाथियों के हमला करने पर अन्य लोग भागने में कामयाब रहे लेकिन उक्त दोनों ग्रामीणों को हाथियों ने कुचल कर मार डाला।
अंबिकापुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के बंशीपुर से लगे कोरंधा जंगल में हाथियों ने दो ग्रामीणों को कुचल कर मार डाला। घटना सोमवार रात की है।
अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर ग्राम बंशीपुर से लगे कोरंधा जंगल में नदी किनारे गांव के सीता राजवाड़े(50) और रतन राजवाड़े(48) का क्षत-विक्षत शव ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह देखा। इसकी सूचना वन व पुलिस विभाग के अधिकारियों को दी गई।
अवैध रूप से काटने आते थे लकड़ी
अंबिकापुर से वन संरक्षक वन्य प्राणी एसएस कंवर के नेतृत्व में वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। प्रारंभिक जांच में पता चला कि कोरंधा के कुछ लोग जंगल में अवैध रूप से लकड़ी काटने रात में गए थे। हाथियों के हमला करने पर अन्य लोग भागने में कामयाब रहे, लेकिन उक्त दोनों ग्रामीणों को हाथियों ने कुचल कर मार डाला।
उधर, हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सोमवार को वन विभाग की ओर से हाथियों के कोरंधा जंगल में मौजूदगी को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया था।
कुछ दिन पहले राजधानी के नजदीक हाथियों ने मचाया था आतंक
वही, इसके पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समीप आरंग क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया थाय़ जब दो हाथी बस्ती में आ घुसे और तबाही मचा दी। हाथियों को आक्रोशित देख कर बस्ती में अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीण चीखते हुए इधर से उधर भागने लगे। जानकारी के मुताबिक हाथियों ने ग्राम गुदगुदा में डेरा जमाया हुआ था।
दोनों हाथी महानदी के किनारे से होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 53 से लगे ग्राम पारागांव में पहुंच गए और राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करके दोनों ग्राम निसदा की ओर चले गए। इसके बाद वापस पारागांव आने पर ग्रामीणों के शोर मचाने और फटाखे फोड़ने के कारण हाथी उत्तेजित हो उठे और बस्ती में घुस गए। हाथियों का आतंक देख लोग भागने लगे। इसी दौरान एक दिव्यांग युवती को हल्की चोटें आई है। सहायक वन क्षेत्र अधिकारी लोकनाथ ध्रुव ने बताया कि- 'इससे कुछ दिन पहले भी यही हाथी आरंग में आए थे, लेकिन वो वापस चले भी गए थे।'