रेलवे स्टेशन में घुसा हाथी, लोगों ने भागकर बचाई जान, एक घंटे तक वहीं घूमता रहा
हाथी भटकता हुआ अरंड गांव पहुंच गया था। उसे देखते ही गांव के कुत्ते भौंकने लगे। इससे वह दौड़ लगाते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचा और भीतर घुस गया। एक रेलवे कर्मचारी की उस पर नजर पड़ते ही उसने फौरन वन विभाग को सूचना दी।
महासमुंद, राज्य ब्यूरो। जिले में हाथियों की दखल कोई नई बात नहीं है, लेकिन गुरुवार को तो गजब ही हो गया। एक दंतैल जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूर स्थित अरंड रेलवे स्टेशन में घुसकर प्लेटफार्म और ट्रैक पर चहलकदमी करने लगा। इससे दहशत फैल गई। गनीमत है कि इस दौरान वहां इक्का-दुक्का लोग ही थे, जो भाग गए। घंटेभर बाद हाथी सिरपुर जंगल की ओर चला गया।
घंटे भर तक रेलवे स्टेशन में रही अफरातफरी
दरअसल, हाथी भटकता हुआ अरंड गांव पहुंच गया था। उसे देखते ही गांव के कुत्ते भौंकने लगे। इससे वह दौड़ लगाते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचा और भीतर घुस गया। एक रेलवे कर्मचारी की उस पर नजर पड़ते ही उसने फौरन वन विभाग को सूचना दी। वन अमला पहुंचा और हाथी के बाहर आने का इंतजार करने लगा। गजराज वाहन भी मंगवा लिया गया था। करीब घंटेभर बाद हाथी स्टेशन से बाहर निकला और जंगल की ओर निकल गया। तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।
स्टेशन के पास है घना जंगल
बता दें कि सिरपुर का घना जंगल हाथियों का प्राकृतिक आवासीय क्षेत्र है। यहां बड़ी तादात में हाथियों के कई दल मौजूद हैं, जो घने जंगलों से घूमते हुए नजदीक के गांवों और खेतों तक पहुंच जाते हैं। अभी दो दिनों पहले यहां एक हाथी एक खेत में तीन ओर से बाढ़ में फंस गया था। जिसे वहां से निकालने के लिए वन विभाग के अमले को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में बड़ी संख्या में हाथियों के कई दल वर्षों से रह रहे हैं। यह बड़े हाथी दल इंसानी आबादी में घुसते हैं और जान-माल का काफी नुकसान करते हैं। बस्तर के क्षेत्र को छोड़कर छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में बहुत से हाथी दल हैं। इंसानी आबादी और गांवों व खेतों का दायरा बढ़ने के साथ ही यहां हाथी- मानव द्वंद भी बढ़ रहा है।