खूबियों से लैस है ये अदृश्य दीवार, भारत-पाक सीमा पर निगरानी होगी 'स्मार्ट'
स्मार्ट फेंस में अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक दीवार काम करेगी, जिससे बीएसएफ के जवानों को अत्यधिक दुर्गम क्षेत्रों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तानी सीमा पर बड़े पैमाने पर घुसपैठ की खबर आए दिन मिलती रहती है। यहां तक कि बॉर्डर पर सुरंग बनाकर घुसपैठ होती है। इस पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 5.5 किलोमीटर क्षेत्र में स्मार्ट फेंसिंग को तैयार गया है। यह अपनी तरह की पहली हाईटेक निगरानी प्रणाली होगी, जो जमीन, पानी, हवा और भूमिगत स्तर पर एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक दीवार का काम करेगी, जिससे सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के जवानों को अत्यधिक दुर्गम क्षेत्रों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी। स्मार्ट फेंसिंग का विस्तार पाकिस्तान-बांग्लादेश की 2400 किलोमीटर सीमा तक होगा।
स्मार्ट फेंस में थर्मल इमेजर, इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूडर अलार्म की सुविधा होगी। इससे एक अदृश्य जमीनी बाड़, हवाई निगरानी के लिए एयरशिप, नायाब ग्राउंड सेंसर लगा होगा जो घुसपैठियों की किसी भी हरकत को भांपकर सुरक्षा बलों को सूचित कर देगा।
ज्ञात हो कि सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान से लगी सीमा पर 5-5 किलोमीटर के दो क्षेत्रों में 'स्मार्ट फेंस' पायलट परियोजना का उद्घाटन किया। इस दौरान गृह मंत्री के सामने इस अर्द्धसैनिक बल के वरिष्ठ अफसर स्मार्ट फेंस का संचालन करके दिखाया। इसके साथ ही जम्मू के सीमांत मकवाल व कठुआ जिले के हीरानगर के सामने पाकिस्तानी इलाके में रहने वाले लोगों की हरकत हाई डेफिनेशन में कंट्रोल रूप में दिखने लगी।
गृह मंत्री आइफोन पर देख सकेंगे सीमा की गतिविधि
सीमा पर होने वाली हर गतिविधि की जानकारी संबंधित सेंटर को तो स्मार्ट फेंस देगी ही, साथ ही इसके जरिये केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी हर पल सीमा पर नजर रख सकेंगे। दरअसल, पूरा सिस्टम नेट पर आधारित है, ऐसे में अगर गृहमंत्री चाहें तो वह स्मार्ट फेंस के जरिये सीमा के हालात अपने कार्यालय या फिर अपने आइ फोन पर कभी भी देख सकते हैं। दूर से स्मार्ट फेंस को कमांड भी दे सकते हैं।
स्मार्ट फेंस स्थानीय लोगों की करेगी बायोमीट्रिक पहचान
यही नहीं स्मार्ट फेंस सीमा पर अपनी तरफ के इलाकों में रहने वाले लोगों की भी बायोमीट्रिक पहचान करेगी। कोई नया चेहरा देखा तो तुरंत देगी सूचना स्मार्ट फेंस इतनी आधुनिक है कि अगर अपने गांव (भारत के क्षेत्र) में कोई नया चेहरा आता है तो यह फौरन उसकी पहचान कर कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देगा। स्मार्ट फेंस के सेंसर्स ज्यादा ताकतवर हैं। जरूरत के आधार पर उनकी रेंज कम की जा सकती है।
कैसे करती है काम स्मार्ट फेंसिंग
स्मार्ट फेंस में सतर्कता, निगरानी, संचार और डाटा स्टोरेज के लिए कई उपकरण लगे होते हैं। इसमें थर्मल इमेजर, अंडरग्राउंड सेंसर, फाइबर ऑप्टिकल सेंसर, रडार और सोनार जैसे बेहद खास और हाईटेक उपकरण स्मार्ट फेंस में विभिन्न स्थानों पर लगाए जाते हैं। लेजर फेंस में अन्य उपकरण जोड़कर एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक दीवार बनाई गई है।
और कौन-सी खूबियां हैं?
कंप्रीहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS ) के तहत अत्याधुनिक सर्विलांस टेक्नोलॉजी, थर्मल इमेजर्स, इन्फ्रारेड और लेजर आधारित घुसैपठ अलार्म हैं, जो एक अदृश्य जमीनी चारदीवारी की तरह काम करेंगे। हवाई निगरानी के लिए एयरोस्टेट, सुरंगों के जरिए घुसपैठ का पता लगाने में मदद के लिए ग्राउंड सेंसर, पानी के रास्ते सेंसर युक्त सोनार सिस्टम, जमीन पर ऑप्टिकल फाइबर सेंसर हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह कार्यक्रम सीमा प्रबंधन प्रणाली को ज्यादा मजबूत बनाता है, जो मानव संसाधन के साथ आधुनिक प्रौद्योगिकी को जोड़कर काम करेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर हमने स्मार्ट फेंस को लगाया है और CIBMS लगाया गया है। हम सुरक्षा को बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं इजराइल गया था, तब हमने ये स्मार्ट फेंस देखा था उसके बाद हमने ये सोचा था कि ऐसी फेंसिंग बने आज ये बॉर्डर पर स्मार्ट फेन्स बन रही है।
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो हिस्सों में अपनी तरह का यह पहला हाईटेक सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। इसकी मदद से जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक बैरियर होगा, जिससे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को घुसपैठियों को पहचानने और मुश्किल इलाकों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।
कई उपकरणों का इस्तेमाल
स्मार्ट फेंस में सतर्कता, निगरानी, संचार और डाटा स्टोरेज के लिए कई उपकरणों का इस्तेमाल होता है। सेंसर जैसे थर्मल इमेजर, अंडरग्राउंड सेंसर, फाइबर ऑप्टिकल सेंसर, रडार और सोनार आदि उपकरण स्मार्ट फेंस में विभिन्न स्थानों जैसे एयरोस्टैट, टावर और खंभों पर लगे होते हैं।
2,400 किमी सीमा पर होगी स्मार्ट फेंसिंग
महानिदेशक केके शर्मा ने पहले बताया था कि भविष्य में स्मार्ट फेंस पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी 2,400 किमी तक की भारतीय सीमा को पूर्णत: सुरक्षित करने के लिए लगाई जाएगी। भारत में पाकिस्तान और बांग्लादेश से घुसपैठ और अवैध आव्रजन रोकने के लिए यह पहल एक समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआइबीएमएस) का हिस्सा है। मोदी सरकार ने दोनों देशों से लगी भारतीय सीमा को पूरी तरह से सील करने के लिए यह फैसला लिया है।
अदृश्य इलेक्ट्रानिक दीवार करेगी काम
लेजर फेंस में अन्य उपकरण जोड़कर एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक दीवार बनाई गई है। इस अत्याधुनिक बाड़ के सीसीटीवी फीड तत्काल बीएसएफ की एक चौकी को पहुंचेंगे। ताकि वह घुसपैठ के किसी भी प्रयास को तत्काल नाकाम कर दे। इन दो स्मार्ट फेंसों में पहली विदेशी है जबकि दूसरी भारतीय कंपनी की देन है।
सुरंग से घुसपैठ होगी नाकाम
सुरंग खोदकर भारतीय सीमा में घुसपैठ अब मुमकिन नहीं होगी। सुरंग, रडार और सोनार सिस्टम से सीमा पर नदी के किनारों को सुरक्षित किया जा सकेगा। कमांड और कंट्रोल सिस्टम सभी सर्विलांस उपकरणों से डाटा को रियल टाइम में रिसीव करेंगे।
2016 में दी गई मंजूरी
पठानकोट हमले के बाद अप्रैल 2016 में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय द्वारा कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी ने सीमा पार से आतंकी घुसपैठ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में तकनीकी जरूरतों का प्रस्ताव रखा था, जिस पर उड़ी आतंकी हमले के बाद सहमति की मुहर लगाई गई थी।
पाकिस्तान के साथ भारत की चार राज्यों की सीमा
पाकिस्तान की सीमा जम्मू कश्मीर (1,225 किमी एलओसी समेत), राजस्थान (1,037 किमी), पंजाब (553 किमी) और गुजरात (508 किमी) से गुजरती है। इसमें सभी जगहों पर घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाया है।