Electricity Crisis: अब बिजली महंगी करने की तैयारी, महंगा कोयला आयात करने वाले प्लांट बढ़ा सकेंगे बिजली की कीमतें
आने वाले दिनों में बिजली की कीमतें झटका दे सकती हैं। केंद्र सरकार ने विदेश से कोयला आयात कर बिजली बनाने वाले थर्मल संयंत्रों को छूट दी है कि वह बढ़ी हुई लागत बिजली खरीद समझौते यानी पीपीए के जरिये वसूल सकते हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने विदेश से कोयला आयात कर बिजली बनाने वाले थर्मल संयंत्रों को यह छूट दे दी है कि वह बढ़ी हुई लागत बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के जरिये वसूल सकते हैं। पीपीए थर्मल पावर प्लांट और डिस्काम के बीच होता है जिसकी दर पहले तय होती है। अब जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयला काफी महंगा हो गया है और देश में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बाहर से कोयला मंगवाना बेहद जरूरी है तो केंद्र सरकार ने उक्त कदम उठाए हैं।
आयातित कोयला मिलाने की मंजूरी
बिजली मंत्रालय पहले ही सरकारी और निजी क्षेत्र के ताप बिजली संयंत्रों को घरेलू कोयला में 10 प्रतिशत तक आयातित कोयला मिलाने की मंजूरी दे चुका है। इसके लिए बिजली कानून की धारा 11 के तहत आपातकालीन निर्देश भी दिए गए हैं।
बिजली मंत्री ने किया था आगाह
बिजली क्षेत्र के जानकारों का आकलन है कि आम ग्राहकों के लिए बिजली की दरों में 50 से 70 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है। अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत 300 डालर प्रति टन से ज्यादा है। अभी हाल ही में बिजली मंत्री आरके सिंह ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर आगाह किया था कि अगर देश में कोयला आयात नहीं किया गया तो मानसून के दौरान फिर बिजली का संकट पैदा हो सकता है।
कोयला आयात की प्रक्रिया धीमी
उन्होंने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से खासतौर पर कहा था कि इन राज्यों या तो कोयला आयात की प्रक्रिया ही नहीं शुरू की है या फिर उसकी रफ्तार बहुत धीमी है। बिजली मंत्रालय ने राज्यों को कोयला आयात करने के साथ ही निर्देश के मुताबिक कोयले का स्टाक उठाने को कहा था।
32 हजार मेगावाट के प्लांटों कोबाहर से आयात करना होगा कोयला
देश में तकरीबन 32 हजार मेगावाट क्षमता के बिजली प्लांट हैं जिनको बाहर से कोयला आयात करने की जरूरत है। इन संयंत्रों को इस महीने के अंत तक कोयले की कुल जरूरत का 10 प्रतिशत तक आयात करने का आर्डर देना होगा। केंद्र ने यह भी कहा है कि अगर उन्होंने 10 प्रतिशत कोयला आयात नहीं किया तो आने वाले महीनों में उन्हें 15 प्रतिशत तक कोयला आयात करना होगा।