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उम्मीद से पहले भारत आ सकती है इलेक्ट्रिक कारें

हुंडई और फोर्ड जैसी दूसरी कार कंपनियां भी पूरी तरह से सतर्क हैं और अपनी तैयारियों को धार देने में जुटी हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 09:47 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 09:47 PM (IST)
उम्मीद से पहले भारत आ सकती है इलेक्ट्रिक कारें
उम्मीद से पहले भारत आ सकती है इलेक्ट्रिक कारें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिजली से चलने वाली कारों को लेकर कार कंपनियों की तैयारियों को देख कर लगता है कि वे सरकार की उम्मीदों से पहले ही भारतीय बाजार में उतरने की सोच रही है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की प्रमुख हिस्सेदारी कंपनी सुजुकी मोटर कार्पोरेशन तो अगले महीने ही यहां अपनी इलेक्ट्रिक कारों की टेस्टिंग शुरु करने की बात कही है। महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी दूसरी दिग्गज कंपनियों ने तो यहां तक आश्वासन दिया है कि अगर बैट्री व चार्जिग जैसी बुनियादी सुविधाओं पर सरकार थोड़ा सा ध्यान दे तो वह कुछ ही महीनों में भारतीय माहौल के मुताबिक इलेक्ट्रिक कारें पेश कर सकती हैं। हुंडई और फोर्ड जैसी दूसरी कार कंपनियां भी पूरी तरह से सतर्क हैं और अपनी तैयारियों को धार देने में जुटी हैं।

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ग्लोबल मोबिलिटी सम्मेलन मूव में शामिल लेने आये सुजुकी मोटर कार्पोरेशन के अध्यक्ष ओ सुजुकी ने कहा कि, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम भारत में 50 इलेक्ट्रिक वाहनों की टेस्टिंग अगले महीने से शुरु करने जा रहे हैं। यह एक सुरक्षित वाहन होगा जिसे भारतीय माहौल व ट्रैफिक व्यवस्था को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है।'' माना जा रहा है कि कंपनी ने अपनी मशहूर वैगन-आर मॉडल के 50 इलेक्ट्रिक वर्जन तैयार किये हैं जिसकी टेस्टिंग फिलहाल की जाएगी। सुजुकी ने हाल ही में जापान की एक दूसरी कार कंपनी टोयोटा के साथ गठबंधन किया है। टोयोटा के पास पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों की बेहतरीन तकनीक है। टोयोटा के सीईओ ताकेशी उचीयामदा ने बताया कि उनकी कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

दूसरी कार कंपनियों ने कहा भी कि तकनीक अब एक बड़ी अड़चन नहीं है बल्कि ढांचागत सुविधाओं का नहीं होना सबसे बड़ी अड़चन है। ओ सुजुकी के अलावा महिंद्रा एंड मंहिंद्रा के प्रमुख आनंद महिंद्रा, टाटा मोटर्स के गुएंत बुशेक ने सरकार को ज्यादा सक्रियता दिखाने और बैट्री चार्जिग व्यवस्था को लेकर स्पष्ट नीति बनाने का आग्रह किया। महिंद्रा व टाटा मोटर्स पहले से ही सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति कर रही हैं। सनद रहे कि सरकार ने कहा है कि वह चाहती है कि वर्ष 2030 तक देश में बिकने वाली 30 फीसद कारें बिजली से चलने वाली हों। शुक्रवार को सड़क व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कार कंपनियों को कहा है कि वे भारत को लेकर अपनी मानसिकता बदलें और यहां बेहतरीन इलेक्टि्रक कारों का निर्माण शुरु करें।


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